केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 22 अप्रैल को भोपाल में, यहां करीब 3 घंटे रहेंगे

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 22 अप्रैल को भोपाल आ रहे हैं। वे यहां करीब 3 घंटे रहेंगे। वे जंबूरी मैदान में आयोजित वन समितियों के सदस्यों को कुल राजस्व में से लाभांश का 20 फीसदी राशि तथा तेंदू पत्ता संग्राहकों को करीब 70 करोड़ रुपए के बोनस के वितरण कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पूरे कार्यक्रम की समीक्षा की। उन्होंने सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम कराने के निर्देश दिए।;

Update: 2022-04-18 15:32 GMT

भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 22 अप्रैल को भोपाल आ रहे हैं। वे यहां करीब 3 घंटे रहेंगे। वे जंबूरी मैदान में आयोजित वन समितियों के सदस्यों को कुल राजस्व में से लाभांश का 20 फीसदी राशि तथा तेंदू पत्ता संग्राहकों को करीब 70 करोड़ रुपए के बोनस के वितरण कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पूरे कार्यक्रम की समीक्षा की। उन्होंने सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम कराने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को मंत्रालय में 22 अप्रैल को हो रहे वन समितियों के सम्मेलन और तेंदूपत्ता बोनस राशि वितरण के राज्य स्तरीय कार्यक्रम की तैयारियों की जानकारी ले रहे थे। इस मौके पर गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव जनसंपर्क राघवेन्द्र कुमार सिंह, भोपाल कमिश्नर गुलशन बामरा और अन्य अधिकारी मौजूद थे। प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल ने सम्मेलन के लिए की जा रही तैयारियों के विभिन्न पक्षों से अवगत करवाया।

वन समितियों को पहली बार मिलेगा कुल रेवन्यू का लाभांश-

वन समितियों को अभी तक कुल रेवन्यू में से जो भी लाभांश मिलता था, वह खर्च काटने के बाद काफी कम होता था। इससे समितियों को काेई लाभ नहीं होता था। पहली बार वन विभाग ने समितियों को कुल रेवन्यू यानि करीब 800 करोड़ रुपए में से 20 फीसदी यानी 160 करोड़ रुपए से अधिक का लाभांश दिया जाएगा। अभी तक की यह सर्वाधिक राशि है। इसके साथ ही तेंदूपत्त्ाा संग्राहकों को 70 करोड़ रुपए बोनस, 850 वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में बदलने जैसा तोहफा भी मिलेगा। इसके लिए सभ्ाी ग्राम सभाओं को वन ग्रामों के राजस्व ग्रामों में बदलने के प्रस्ताव मांगें गए हैं।

कार्यक्रम में करीब 50 हजार वनवासी होंगे शामिल-

इस राज्य स्तरीय सम्म्ोलन में करीब 50 हजार वनवासी प्रदेश भर के जिलों से शामिल होंगे। इसमें करीब 15,602 वन समितियों के पदाधिकारियों समेत तेंदूपत्त्ाा संग्राहक शामिल होंगे। कार्यक्रम स्थल पर वन उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें सभी 52 जिलों के वन समितियों के उत्पाद होंगे। वनवासियों के आवागमन खासतौर पर भोपाल ले आने-जाने, खानपान आदि से लेकर सभी तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं। सम्मेलन में जनजातीय और वन क्षेत्र की लोक संस्कृति से संबंधित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी होंगी।

वन क्षेत्रों के विकास से रू-ब-रू करवाएगी चित्र प्रदर्शनी-

मप्र सरकार की ओर से वनवासियों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। विकास योजनाओं का लाभ वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को मिला है। विकास कार्यों से इन इलाकों की तस्वीर बदली है और स्थानीय लोगों का जीवन अधिक आसान हुआ है। बैठक में बताया गया कि सम्मेलन स्थल पर एक चित्र प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जो राज्य शासन की ओर से वन क्षेत्रों के विकास के साथ सामुदायिक वन प्रबंधन, लघु वनोपज संग्रहण और वन्य-प्राणी संरक्षण पर केंद्रित होगी। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदर्शनी को आम जनता के लिए भी प्रदर्शित करने के निर्देश दिए।

पांच हितग्राही लाभांश राशि प्राप्त करेंगे, वेबकॉस्ट से प्रसारण भी-

बैठक में बताया गया कि तेंदूपत्ता लाभांश राशि चयनित पांच हितग्राही प्राप्त करेंगे। तीन जिलों हरदा, छिंदवाड़ा, बैतूल की वन समितियों के अध्यक्ष प्रतीक स्वरूप मंच पर आमंत्रित किए जाएंगे। सम्मेलन का प्रसारण वेबकॉस्ट से 15 हजार 608 ग्रामों में किया जाएगा। वन विभाग की ओर से करीब 5 हजार गांवों में प्रसारण व्यवस्था की गई है। पूरे प्रदेश में कार्यक्रम देखा और सुना जा सकेगा। 

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