Sidhi News : सड़क ना होने पर शिक्षक दिव्यांग छात्र के लिए बना है देवदूत , कंधे पर ले जाता है विघालय

सीधी जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर अगरियान टोला कंजवार नाम का आदिवासी बाहुल्य गांव है जो कि मझौली विकासखंड में आता है। लेकिन आजादी के 75 वर्ष बाद भी यहां पर सड़क नही है । जिस कारण यहां पर ग्रामीणों को बेहद परेशानी उठानी पढ़ती है खासकर बच्चो को विघालय जाने में उठानी पड़ रही है ।;

Update: 2023-09-15 03:01 GMT

सीधी । सीधी जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर अगरियान टोला कंजवार नाम का आदिवासी बाहुल्य गांव  है जो कि  मझौली विकासखंड में आता है। लेकिन आजादी के 75 वर्ष बाद भी यहां पर सड़क नही है । जिस कारण यहां पर ग्रामीणों को बेहद परेशानी उठानी पढ़ती है खासकर बच्चो को विघालय जाने में उठानी पड़ रही  है  ।  जिस कारण प्राथमिक विघालय जाने वाले छात्र बेहद परेशान है । 

छात्र विघालय जाने के लिए मेढ़ खेत कीचड़ युक्त रास्तों का प्रयोग कर रहै है । जिसमें आए दिन छात्रों को संकट झेलने पड़ते है ।लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी दिव्यांग छात्रों को होती है । ऐसा ही एक छात्र कुशल कुमार मिश्रा है जो कि कक्षा 5 का विघार्थी है और दोनों पैरों से विकलांग है । जिसका इन रास्तों से जाना लगभग असंभव है । वह विघालय ट्रायसायकल से या किसी तरह घसीटते हुए जाते है लेकिन वर्षा में वह इनका प्रयोग भी नही कर पाता और विघालय आनें में असमर्थ होता है । 

छात्र की  इसी परेशानी को उसके गुरू ने समझा है । कुशल के माता पिता के मजदूरी करते है औऱ काम पर जाने के कारण वह उसे विघालय छोड़ने नही जा पाते लेकिन विघालय के शिक्षक  शैलेंद्र सिंह बालेंदु खुद उसे अपने कंधों पर बैठाकर स्कूल तक ले जाते हैं और वर्षा में तो उनका रोज का नियम है । 

गुरू शिष्य के इस तरह के रिश्ते समाज को बेहद प्रेरणा देते है और एक  शिक्षक की कर्तव्य परायणता के साथ साथ विशाल हृदय से भी परिचित कराते है । अब शिक्षक औऱ गुरु को सरकार से यही आशा है कि वह इनके परिश्रम को समझे और कई और छात्रों की परेशानी दूर करने के लिए सड़क का निर्माण करे । 

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