आर्थिक तंगी से जूझ रहे रिटायर फौजी परिवार को विधानसभा अध्‍यक्ष ने की मदद, पेश किया मानवीय संवेदना का उदाहरण

मध्‍यप्रदेश विधानसभा के अध्‍यक्ष गिरीश गौतम ने राजधानी के एक वृद्धाश्रम में रह रहे रिटायर फौजी एवं उनकी पत्‍नी को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की है। अपने पुत्र के असामयिक निधन के बाद यह परिवार गंभीर आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और एक वृद्घाश्रम में दिन गुजार रहा है। गौतम ने असहाय एवं बुजुर्ग दं‍पत्ति की अन्‍य स्‍तर पर भी मदद का आश्‍वासन दिया है।गौतम के पास 1965 की जंग में शामिल हुए भारतीय सेना से रिटायर वीरेंद्र राज दयाल चंद एवं उनकी पत्‍नी की वृद्धावस्‍था में तंगहाली की खबर आई थी। इसके बाद विधानसभा अध्‍यक्ष ने तत्‍काल मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए इस परिवार की मदद का निर्णय लिया।;

Update: 2022-07-26 11:32 GMT

भोपाल। मध्‍यप्रदेश विधानसभा के अध्‍यक्ष गिरीश गौतम ने राजधानी के एक वृद्धाश्रम में रह रहे रिटायर फौजी एवं उनकी पत्‍नी को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की है। अपने पुत्र के असामयिक निधन के बाद यह परिवार गंभीर आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और एक वृद्घाश्रम में दिन गुजार रहा है। गौतम ने असहाय एवं बुजुर्ग दं‍पत्ति की अन्‍य स्‍तर पर भी मदद का आश्‍वासन दिया है।गौतम के पास 1965 की जंग में शामिल हुए भारतीय सेना से रिटायर वीरेंद्र राज दयाल चंद एवं उनकी पत्‍नी की वृद्धावस्‍था में तंगहाली की खबर आई थी। इसके बाद  विधानसभा अध्‍यक्ष ने तत्‍काल मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए इस परिवार की मदद का निर्णय लिया।

सारथी वृद्धा आश्रम में दिन गुजार रहे दंपत्ति

कोई सहारा नहीं होने के कारण यह दंपति दानिश हिल्‍स व्‍यू स्थित सारथी वृद्धा सेवा आश्रम में दिन गुजार रहा है। गौतम मंगलवार को इस वृद्धाश्रम में पहुंचे और बुजुर्ग दंपत्ति एवं आश्रम में रह रहे अन्‍य बुजुर्गों से मिले। उन्होंने श्री वीरेंद्र राज दयालचंद को अपनी अनुदान निधि से 50 हजार रुपए का चैक भेंट किया। इसके साथ ही दयालचंद दंपति एवं वृद्धाश्रम में रह रहे अन्‍य बुजुर्गों को कंबल, तकिया, चादर, शॉल, फल एवं अन्‍य आवश्‍यक वस्‍तुएं भेंट की।

बुजुर्गों के साथ बिताया काफी समय

वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के साथ विधानसभा अध्‍यक्ष श्री गौतम ने काफी समय बिताया एवं उनके अनुभवों को सुना। इस अवसर पर गौतम ने कहा कि समाज के हर वर्ग के प्रति मानवीय संवेदनाओं के साथ हमें व्‍यवहार करना चाहिए। यदि कोई असहाय, पीडि़त या वंचित है तो हमें तत्‍काल उनकी सहायता के लिए सामने आना चाहिए।

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