BHOPAL ; 41 मजदूरों को बचाने महाकाल में विशेष पूजा, उत्तराखंड टनल में 12 दिन से फंसे लोग, बचाव कार्य जारी
इस विशेष पूजा को लेकर महाकालेश्वर मंदिर के पंडित ने बताया कि, बाबा महाकाल अकाल मृत्यु को हरने वाले मानें जाते हैं। महाकाल की शरण में जो भी आता है, उसका बुरा वक्त व अकाल मृत्यु टल जाती है। उन्होंने आगे कहा कि टनल हादसे में फंसे लोगों की सलामती के लिए मंदिर मे महामृत्युंजय का पाठ किया जा रहा हैं।;
भोपाल ;उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्थित सिल्क्यारा सुरंग में पिछले 12 दिन से फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए प्रशासन द्वारा दिन रात काम किया जा रहा है। ताकि जल्द से जल्द सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। इसी कड़ी में आज उज्जैन के महाकाल मंदिर में टनल में फंसे लोगों की सलामती के लिए विशेष पूजा-अर्चना कर महामृत्यंजय जाप किया जा रहा है। ताकि सभी मजदूर सुरक्षित- सकुशल अपने घर पहुंच सके।
बाबा महाकाल अकाल मृत्यु को हरने वाले मानें जाते हैं
इस विशेष पूजा को लेकर महाकालेश्वर मंदिर के पंडित ने बताया कि, बाबा महाकाल अकाल मृत्यु को हरने वाले मानें जाते हैं। महाकाल की शरण में जो भी आता है, उसका बुरा वक्त व अकाल मृत्यु टल जाती है। उन्होंने आगे कहा कि टनल हादसे में फंसे लोगों की सलामती के लिए मंदिर मे महामृत्युंजय का पाठ किया जा रहा हैं। वहीं उत्तराखंड में सिल्क्यारा सुरंग के अंदर करीब एक हफ्ते से फंसे 41 मजदूरों के सकुशल बाहर आने की कामना करते हुए विभिन्न धार्मिक संगठनों द्वारा पूजा पाठ, हवन, यज्ञ और प्रार्थनाओं का दौर चल रहा हैं।
जानें कैसे हुआ हादसा
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में चार धाम प्रोजेक्ट के तहत सिल्कयारी टनल बनाई जा रही हैं। वहीं 12 नवंबर यानी दिवाली के दिन सुबह करीब 5:30 बजे लैंडस्लाइड होने से बड़ा हादसा हो गया। जिसमें एक बड़ा मलबा निर्माणाधीन सुरंग पर आकर गिर गया, जिसकी कारण अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे। सूचना मिलते ही लगातार बचाव अभियान चलाया जा रहा है। अभी तक टनल में फसे लोगों को लेकर किसी तरह की जनहानि की खबर सामने नहीं आई है।