विकास दुबे को लेकर STF की टीम रवाना, विकास ने कबूला- 'जलाना चाहता था पुलिस वालों का शव'
विकास दुबे उत्तर प्रदेश के नंबर प्लेट वाली एक गाड़ी से मध्यप्रदेश पहुंचा था। पढ़िए पूरी खबर-;
उज्जैन। कानपुर गोलीकांड के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया है। विकास दुबे को लेकर चार्टर्ड प्लेन से एसटीएफ की टीम यूपी रवाना हो गई है। इससे पहले मध्यप्रदेश पुलिस उससे अज्ञात स्थान पर पूछताछ कर रही थी। विकास दुबे ने क़बूल किया कि पुलिस वालों के शव को जलाना चाहता था।
पूछताछ के दौरान सामने आया कि विकास दुबे उत्तर प्रदेश के नंबर प्लेट वाली एक गाड़ी से मध्यप्रदेश पहुंचा था। गाड़ी पर हाईकोर्ट लिखा हुआ है। इसी कारण वह आसानी से सीमा पार कर पाया। गाड़ी किसी मनोज यादव के नाम पर रजिस्टर्ड बताया जा रहा है। हालांकि उन्होंने विकास यादव से किसी भी तरह का कोई संबंध होने की बात नकारी है।
विकास दुबे गुरुवार सुबह उज्जैन में पकड़ा गया। दुबे महाकाल मंदिर में दर्शन करने पहुंचा था। फैसिलिटी सेंटर पर अपना बैग रखने के बाद यहां उसने शीघ्र दर्शन के लिए 250 रुपए की रसीद कटवाई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार मंदिर में एक सिक्युरिटी गार्ड को शंका होने पर उसे पुलिस चौकी लेकर आए थे। यहां पूछताछ शुरू होते ही उसने कहा- 'हां मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला।'
पुलिस अधिकारी अभी इस मामले में ज्यादा जानकारी नहीं दे रहे। आइजी राकेश गुप्ता, एसपी मनोज सिंह सहित कुछ अन्य अफसर उससे लगातार पूछताछ कर रहे हैं।
गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने महाकाल मंदिर में जांच की। दुबे मंदिर में जहां-जहां गया वहां बम स्क्वॉड भेजा गया। दर्शन करने से पहले दुबे ने अपना बैग फैसिलिटी सेंटर स्थित लॉकर रूम में रखा था। पुलिस ने इसे जब्त कर लिया है।
महाकाल मंदिर में गुरुवार सुबह 7:45 बजे दुबे की गिरफ्तारी हुई। वह करीब 7 बजे ही मंदिर परिसर में पहुंच चुका था। इन दिनों महाकाल दर्शन के लिए एक दिन पूर्व अग्रिम बुकिंग कराना होती है। मगर हाल ही में प्रशासन द्वारा 250 रुपए की रसीद से दर्शनार्थियों को सीधे प्रवेश दिया जा रहा है। दुबे ने यही रसीद कटवाई। यहां उसने अपना सही नाम नहीं बताया। दुबे दर्शन कर लौट रहा था। इसी दौरान एक सुरक्षाकर्मी को शक हुआ। इस पर दुबे को मंदिर परिसर स्थित महाकाल चौकी में लाया गया। यहां पूछताछ शुरू होते ही दुबे ने अपनी पहचान बता दी। इसके बाद पुलिस के आला अधिकारियों को सूचना दी गई। एसपी मनोज सिंह खुद उसे गिरफ्तार कर कंट्रोल रूम ले गए।