सफलता की कहानी: पार्लर से मिली पहचान, अब अन्य युवतियों को भी दे रही है प्रशिक्षण
आजीविका मिशन से रोजगार सृजन की कहानियां जहाँ आत्मनिर्भरता का संदेश दे रही है वहीं हुनरमंद युवाओं का मार्गदर्शन भी कर रही हैं। ऐसी ही एक कहानी है बैरसिया की हुनरमंद साधना की। हुनर तो था पर पूंजी के अभाव में कोई राह नहीं मिल पा रही थी कहीं से विशाल आजीविका ग्राम संगठन से ऋण प्राप्ति की जानकारी मिली तो दुर्गा आजीविका स्व-सहायता समूह से ऋण लेकर ऋषिका हर्बल ब्यूटी पार्लर खोला जिससे उसके सपनों को उड़ान मिली।;
भोपाल। आजीविका मिशन से रोजगार सृजन की कहानियां जहाँ आत्मनिर्भरता का संदेश दे रही है वहीं हुनरमंद युवाओं का मार्गदर्शन भी कर रही हैं। ऐसी ही एक कहानी है बैरसिया की हुनरमंद साधना की। हुनर तो था पर पूंजी के अभाव में कोई राह नहीं मिल पा रही थी कहीं से विशाल आजीविका ग्राम संगठन से ऋण प्राप्ति की जानकारी मिली तो दुर्गा आजीविका स्व-सहायता समूह से ऋण लेकर ऋषिका हर्बल ब्यूटी पार्लर खोला जिससे उसके सपनों को उड़ान मिली। यह कहना है भोपाल जिले की बैरसिया तहसील के गुनगा ग्राम निवासी साधना लोधी पत्नि महेश लोधी का।
इस तरह पाई सफलता
साधना ने बताया कि ऋषिका हर्बल ब्यूटी पार्लर खोलने से मुझे समाज में पहचान मिली, साथ ही परिवार की आर्थिक सहायता कर पाने से परिजनों की जिंदगी में भी सुधार आया। समाज में सम्मान बढ़ा। अब वह ब्यूटी पार्लर के साथ-साथ आजीविका मिशन के कार्यों में भी सहभागिता कर महिलाओं के सशक्तिकरण में सहयोग करती है।साधना ने दुर्गा आजीविका स्व-सहायता समूह से 15 हजार रूपये का ऋण लेकर एवं स्वयं की बचत की राशि मिलाकर ऋषिका हर्बल ब्यूटी पार्लर खोला। साधना पार्लर के काम के साथ - साथ युवतियों को पार्लर का प्रशिक्षण भी देती हैं। इस तरह वे स्वरोजगार के साथ-साथ अन्य युवतियों को भी कौशल प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार के लिये प्रेरित कर रही हैं। साधना आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनकर स्वयं तो सशक्त बनी ही साथ ही अपने परिवार का सहारा भी बनी।