सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी में अचानक गिरा तापमान, कैलाश पर्वत की तरह दिखा चौरागढ़ मंदिर का नज़ारा
मध्यप्रदेश में सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी में अचानक तापमान गिर गया है। सुबह से ही चारों तरफ कोहरा ही कोहरा नजर आया।कैलाश पर्वत की तरह दिखा पचमढ़ी के चौरागढ़ मंदिर का नज़ारा। नर्मदापुरम जिले में कल ही मौसम विभाग द्वारा ठंड का अलर्ट जारी किया गया था। अलर्ट के अनुरूप प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में सुबह सूर्य उदय के बाद से ही कोहरे की घनी चादर देखने को मिली। चारों तरफ कोहरे की चादर देख पर्यटक रोमांचित हो गए।;
पचमढ़ी। मध्यप्रदेश में सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी में अचानक तापमान गिर गया है। सुबह से ही चारों तरफ कोहरा ही कोहरा नजर आया।कैलाश पर्वत की तरह दिखा पचमढ़ी के चौरागढ़ मंदिर का नज़ारा। नर्मदापुरम जिले में कल ही मौसम विभाग द्वारा ठंड का अलर्ट जारी किया गया था। अलर्ट के अनुरूप प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में सुबह सूर्य उदय के बाद से ही कोहरे की घनी चादर देखने को मिली। चारों तरफ कोहरे की चादर देख पर्यटक रोमांचित हो गए।
चौरागढ़ मंदिर का अलौकिक नज़ारा :.
जंगलों से आच्छादित और कई सुंदर घाटियों का निर्माण करते हुए, चौरागढ़ क्षेत्र की दूसरी सबसे ऊंची पहाड़ी है। शीर्ष पर बाबा भोलेनाथ का मंदिर है। पचमढ़ी के कई स्थानों में से, चौरागढ़ को भगवान शिव से संबंधित सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। जब आप शीर्ष पर चढ़ते हैं, तो आपको मंदिर का प्रांगण त्रिशूलों से भरा हुआ मिलेगा। गिरते तापमान और अति कोहरे के कारण चौरागढ़ का मंदिर सूर्योदय के साथ-साथ कोहरे और बादलों में छुपता नजर आया। नज़ारा इतना अलौकिक था कि भक्त जनो ने चौरागढ़ के इस नजारे को कैलाश पर्वत जैसा बताया।
आग का सहारा लेने पर मजबूर लोग:
अचानक गिरे तापमान के बाद शहर वासी एवं पर्यटक सड़कों पर आग तापते नज़र आए।सुबह का तापमान करीबन 5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इतने कम तापमान मैं लोगों ने जहां आग जलती देखी वही डेरा जमाया।
पर्यटकों ने कहीं नहीं देखी ऐसी कोहरे की घनी चादर:
सुबह पर्यटकों से बात करने पर उन्होंने बताया कि इस तरह घना कोहरा कहीं और देखने नहीं मिलता। सैलानियों ने कहा कि सुबह करीबन 6:00 बजे से बाहर निकले हुए हैं एवं कम तापमान और कोहरा का मजा ले रहे हैं। तापमान के अचानक नीचे गिरते ही लोग या तो अलाव के पास दिखे या चाय के ठेलों पर।
स्कूलों के समय में किया गया परिवर्तन:
आमतौर पर सुबह 7:00 बजे लगने वाले विद्यालयों को जिला प्रशासन द्वारा देरी से लगाने के आदेश दिए गए हैं। स्कूलों का आदेश दिया गया है कि क्लासेस 9 या 9:30 के बाद शुरू की जाएं।