Sunny deol :गदर के तारा सिंह पहुंचे इंदौर, महू सैन्य क्षेत्र में बेटे के साथ किया झंडावंदन, इन कार्यक्रमों में होंगे शामिल
फिल्म के प्रमोशन के लिए गदर के तारा सिंह यानी सनी देओल भी स्वतंत्रता दिवस पर इंदौर पहुंचे। जहां उन्होंने बीएसएफ परिसर में आयोजित झंडा वंदन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। साथ ही राष्ट्रगान के बाद उन्होंने भारत माता की जय के नारे भी लगाए।;
इंदौर : 90 के दशक में अपनी एक्टिंग से दुनियाभर में लोगों के दिल में राज करने वाले बॉलीवुड के दमदार अभिनेता सनी देओल की फिल्म " गदर 2 " को मिली सफलता के बाद "गदर फिल्म" की टीम काफी खुश है। इस फिल्म ने रिलीज़ होते ही बॉक्सऑफिस पर 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई की। फिल्म की सफलता के बाद गदर के तारा सिंह यानी सनी देओल भी स्वतंत्रता दिवस पर इंदौर पहुंचे। जहां उन्होंने बीएसएफ परिसर में आयोजित झंडा वंदन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। साथ ही राष्ट्रगान के बाद उन्होंने भारत माता की जय के नारे भी लगाए।
इंदौर स्थित महू इन्फेंट्री म्यूजियम पहुंचे सनी देओल
इंदौर स्थित महू इन्फेंट्री म्यूजियम पहुंचे सनी देओल ने इस दौरान हथियार पर भी एक नजर डाली। सनी देओल ने झंडावंदन के बाद आर्मी अधिकारियों से बातचीत की। कहा जा रहा है कि महू से लौट के बाद सनी देओल किसी मल्टीप्लेक्स में अपनी फिल्म ग़दर 2 के शो में जाकर दशकों से भी मुलाकात कर सकते हैं। उसके बाद वह दोपहर को वापस मुंबई के लिए रवाना हो जाएंगे। सनी के अचानक आगमन से जनता काफी खुश है।
बेटे के साथ सनी ने सेलिब्रेट किया स्वतंत्रता दिवस
इस खास अवसर पर सनी ने केसरिया पगड़ी और सफेद कुर्ता-पजामा पहने नजर आए। उनका ये अनोखा अंदाज़ लोगों को काफी पसंद आ रहा है। 77वां स्वतंत्रता दिवस पर सनी ने न सिर्फ झंडा फहराया बल्कि फैंस के साथ फोटो भी खिचवाई। आजादी के खास मौके पर सनी के साथ उनके बेटे राजवीर देओल भी दिखाई दिए. जहां उन्होंने 15 अगस्त को अपने पापा के साथ सेलिब्रेट किया।
फिल्म 1971 की कहानी पर है आधारित
बता दें कि सनी देओल की हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म गदर 2 फैंस को खूब पसंद आ रही है। ग़दर 2 फिल्म ग़दर का सीक्वल है। जिसे करीबन 20 साल के बाद बनाया गया है। इस फिल्म में सनी और अमीषा की जोड़ी को फैंस द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है। 11 अगस्त को रिलीज़ हुई इस फिल्म ने अब तक करीब 135 करोड़ रुपये की कमाई कर चुकी है। यह फिल्म 1971 पर आधारित है। इसमें तारा सिंह अपने बेटे चरणजीत सिंह को पाकिस्तानी सेना से छुड़ाने के लिए पाक जाते हैं।