Surkhi Vidhan Sabha : सुरखी में गोविंद का दबदबा, टक्कर देने मजबूत चेहरे की तलाश में कांग्रेस, पर संगठन में ही रार
सागर जिले की सुरखी विधानसभा सीट हाई प्रोफाइल सीट हो गई है। इसकी वजह हैं प्रदेश के परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत।;
भोपाल। सागर जिले की सुरखी विधानसभा सीट हाई प्रोफाइल सीट हो गई है। इसकी वजह हैं प्रदेश के परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत। वे यहां से विधायक हैं और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास सिपहसलारों में उनकी गिनती होती है। यह हाई प्रोफाइल सीट इसलिए भी बन गई क्योंकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने यह सीट जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। कांग्रेस की समस्या यह है कि कांग्रेस के पास गोविंद सिंह राजपूत ही यहां के नेता थे, उनके अलावा कोई अन्य नेता पार्टी ने तैयार ही नहीं किया। इसलिए मजबूत प्रत्याशी की तलाश में कांग्रेस को बाहरियों की ओर देखना पड़ रहा है। कांग्रेस ने उप चुनाव में यहां से भाजपा से विधायक रहीं पारुल साहू को मैदान में उतारा था लेकिन वे रिकार्ड 40 हजार से ज्यादा मतों से हार गईं। अब पार्टी की नजर भाजपा से आए नीरज शर्मा और राजकुमार धनौरा पर है।
लगता है कांग्रेस ने उन्हें संकेत दे दिए हैं
राजकुमार एक मामले में जेल में हैं। लिहाजा, नीरज शर्मा को मैदान में उतारने की तैयारी है। सरकार के दो मंत्रियों गोविंद राजपूत और भूपेंद्र सिंह के बीच विवाद के कारण भी सुरखी सुर्खियों में रही। इस सारी उठापटक के बीच इस सच से कोई इंकार नहीं कर सकता कि यहां गोविंद राजपूत का दबदबा है। उन्होंने क्षेत्र में खूब काम कराए हैं और काफी पहले से प्रचार अभियान में जुटे हैं। उनके द्वारा अलग-अलग समाजों के सम्मेलन बुलाकर उनका सम्मान किया जाा रहा है, उनकी मांगें पूरी की जा रही हैं। इसमें वे नामचीन हस्तियों को भी बुला रहे हैं। भूपेंद्र सिंह से मतभेद थे लेकिन उन्होंने एक कार्यक्रम में उन्हें भी बुला लिया। मंत्री गोपाल भार्गव भी उनके द्वारा आयोजित ब्राह्मण सम्मेलन में पहुंच चुके हैं। अलबत्ता, उनसे मुकाबले के लिए नीरज शर्मा द्वारा जरूर ग्रामीण क्षेत्रों का लगातार दौरा किए जाने की खबर है। लगता है कांग्रेस ने उन्हें संकेत दे दिए हैं।
पार्टी को धोखा एक बड़ा मुद्दा
हर क्षेत्र की तरह सुरखी में भी देश, प्रदेश के साथ स्थानीय मुद्दे हैं लेकिन इस बार पूरा चुनाव गोविंद सिंह राजपूत के इर्द- गिर्द ही लड़ा जाएगा। क्षेत्र में गोविंद के समर्थक हैं या फिर विरोधी। भाजपा की ओर से अपने द्वारा कराए गए कार्यों एवं सरकार की योजनाओं के बल पर वोट मांगें जाएंगे जबकि विरोधी अर्थात कांग्रेस गोविंद और उनके समर्थकों की गुंडागर्दी, सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और पार्टी से गद्दारी को मुद्दा बनाएगी।
दलित समाज सबसे ज्यादा
सुरखी विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति अर्थात दलित समाज के मतदाता सबसे ज्यादा लगभग 48 हजार हैं। दूसरे नंबर पर कुशवाहा लगभग 32 हजार एवं आदिवासी लगभग 24 हजार हैं। ब्राह्मण, लोधी, यादव, दांगी ठाकुर और मुसलमान के मतदाताओं की तादाद भी यहां पर्याप्त है। ब्राह्मण लगभग 16 हजार, लोधी लगभग 15 हजार, यादव लगभग 17 हजार, दांगी ठाकुर लगभग 14 हजार और मुसलमान मतदाताओं की तादाद लगभग 13 हजार बताई जा रही है।
भाजपा की ताकत
संगठन और चेहरे की ताकत
प्रदेश के अन्य हिस्सों की तरह यहां भी भाजपा का संगठन मजबूत है। इसके साथ गोविंद राजपूत के शामिल होने से भाजपा की ताकत और बढ़ गई है। कुछ नाराज लोगों को छोड़ दें तो कांग्रेस-भाजपाई यहां एक हो चुके हैं। पार्टी कार्यकर्ता जीत को लेकर उत्साह से लबरेज हैं।
भाजपा की कमजोरी
कार्यकर्ताओं में असंतोष
सुरखी में भाजपा को काेई सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाएगा तो वे हैं पार्टी के असंतुष्ट कार्यकर्ता। गोविंद राजपूत के भाजपा में आने के बाद से ये कार्यकर्ता नाराज हैं। कांग्रेस का एक वर्ग भी गोविंद के भाजपा में जाने से नाराज हुआ है। दोनों दलों के ये कार्यकर्ता ही गोविंद को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
कांग्रेस की ताकत
एंटी इंकम्बेंसी से उम्मीद
कांग्रेस को सबसे बड़ी उम्मीद सरकार और विधायक के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी से है। पार्टी को यह भी उम्मीद है कि गोविंद राजपूत ने चूंकि धोखा देकर भाजपा ज्वॉइन की, इससे लोगों में नाराजगी है। इसकी सजा इस चुनाव में जनता जरूर देगी। कांग्रेस इस मसले को जमकर उठा रही है।
कांग्रेस की कमजोरी
कोई मजबूत नेता नहीं
सुरखी में कांग्रेस की सबसे बड़ी कमजाेरी यह है कि उसके पास अपना कोई मजबूत नेता नहीं है जो गोविंद को टक्कर दे सके। पार्टी को भाजपा छोड़कर आए नेताओं में गोविंद को हराने लायक चेहरा ढूंढ़ना पड़ रहा है। कांग्रेस का संगठन भी भाजपा की तुलना में काफी कमजोर है।
प्रमुख दावेदार
भाजपा से गोविंद लगभग तय
सुरखी विधानसभा सीट से भाजपा की ओर से प्रमुख दावेदार मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ही हैं। इस सीट से उनका चुनाव लड़ना लगभग तय है। गोविंद परिवार के साथ प्रचार अभियान में तेजी से जुटे हैं। उनके द्वारा अलग-अलग समाजों एवं वर्गों के लगातार सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। गोविंद का बेटा आकाश भी प्रचार अभियान में उनका पूरा साथ दे रहा है। गोविंद का प्रचार अभियान इस तरह चल रहा है मानो उनका टिकट घोषित हो गया हो।
कांग्रेस
कांग्रेस से नीरज की उम्मीद
सुरखी क्षेत्र के लिए कांग्रेस से तीन प्रमुख दावेदार नीरज शर्मा, राजकुमार धनौरा और प्रहलाद पटेल बताए जा रहे हैं। इनमें पूर्व जनपद पंचायत राहतगढ़ एवं पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष नीरज शर्मा का दावा सबसे मजबूत है। वे प्रचार अभियान में भी तेजी से जुट गए हैं। दूसरे राजकुमार धनौरा एक मामले में जेल में हैं। प्रहलाद पटेल भी टिकट के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं। वे भी पंचायत प्रतिनिधि रहे हैं।