पिछली सरकारों ने जनजातीय समुदाय को महत्व नहीं देकर अपराध किया है
जंबूरी मैदान में करीब दो लाख जनजाति समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों ने जनजातीय समुदाय को महत्व नहीं देकर अपराध किया है। कुछ राजनैतिक दलों ने उनकी उपेक्षा की। काम नहीं करने का बहाना ढूंढा। किंतु उनकी सरकार ने जनजातीय समाज के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा। देश के विकास में उन्हें उनकी बराबर की हिस्सेदारी दी जा रही है। यह दिन हमारे लिए गौरव का दिन है।;
भोपाल। प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर के मौके पर प्रथम जनजातीय गौरव दिवस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गांधी-पटेल-आंबेडकर जयंती की तरह ही इस दिन को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस मौके पर 18 जनजातीय जिलों समेत प्रदेश भर से दो लाख से अधिक जनजातीय समाज के लोग प्रधानमंत्री मोदी को सुनने आए हुए थे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने जनजातीय समुदाय को उनके भाग्य पर छोड़ दिया। वे विकास की बुनियादी सुविधाओं से वंचित रह गए। पर उनके भी अपने सपने होत हैं। विकास की दौड़ में पीछे नहीं रहना चाहिए। हमारी सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं। जितने भी आकांक्षी या फिर ऐसे जिले जहां संसाधनों का अभाव है, वह जिले भी उनकी प्राथमिकता में हैं। स्कूल, सड़क, इलाज सभी कुछ देने का प्रयास कर रहा हूं। किसानों के खाते में सीधे राशि भेजी जा रही है। करोड़ों परिवारों को इससे मदद मिली है।
राशन आपके द्वार योजना में सभी को अनाज
प्रधानमंत्री मोदी ने राश्ान आपके द्वार योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि गरीब आदिवासी परिवारों को मदद मिलनी चाहिए। सिकलसेल मिशन, आयुष्मान कार्ड व मुफ्त राशन मिलने से गरीब जनजातीय परिवारों को काफी राहत मिली। आयुष्मान योजना से अनेक बीमारियों का इलाज मिल रहा है। करोड़ों परिवारों को शुद्ध पीने का पानी मिल रहा है। पहले पीने पानी के लिए सालों परेशान होना पड़ता था। पर पीने के पानी की योजनाएं उतनी ही गति से आगे बढ़ी हैं। 30 लाख परिवारों को नल से जल मिल रहा है।
आबादी के हिसाब से राशि खर्च होगी
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने दोहन की राजनीति की। संपदा पर अपना प्रभुत्व बनाए रखा। अब आबादी के हिसाब से योजनाओं को देने का काम शुरू किया गया है। जनजातीय इलाकों में 50 हजार करोड़ रुपए के अधिक के काम शुरू किए गए हैं।
एकलव्य मॉडल स्कूल
मोदी ने कहा जनजातीय छात्रों पर किए जा रहे खर्चो का जिक्र करते हुए कहा कि 7 साल पहले तक प्रति छात्र 40 हजार रुपए ही खर्च होते थे, किंतु अब प्रति वर्ष प्रति छात्र एक लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। जनजातीय छात्रों को उच्च शिक्षा और शोध से भी जोड़ा जा रहा है। देश में कुछ वर्ष पहले तक 18 जनजातीय अनुसंधान केन्द्र थे, जो बढ़कर 27 हो गए हैं। नई शिक्षा नीति में जनजातीय वर्ग के बच्चों को मातृ भाषा की शिक्षा का लाभ भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश भर में 750 एकलव्य मॉडल स्कूल खोले जा रहे हैं। इस वर्ष 50 स्कूल खुलेंगे। प्रधानमंत्री ने 50 एकलव्य आदर्श आवासीय स्कूल का वर्चुअल भूमि पूजन भी किया। उन्होंने रतलाम जिले के बाजना में बने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का लोकार्पण भी किया।
टीकाकरण एक उपलब्धि
इस मौक्े पर मप्र में टीकाकरण तथा शत प्रतिशत कोविड-19 टीकाकरण उपलब्धि वाले जनजातीय बहुल झाबुआ जिले के ग्राम नरसिंहरूंडा पर आधारित लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जनजातीय परिवारों को मुफ्त टीकाकरण से लाभ मिला होगा। उन्होंने मप्र टीकाकरण में प्रदर्शन पर मप्र की सराहना की।
खनन नीति में बदलाव से राेजगार की व्यापक संभावनाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता जनजातीय समाज के विकास के बिना संभव नहीं है। इसी को ध्यान में रखकर खनन नीति में भ्ाी बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वन संपदाओं पर सभी का बराबर का अधिकार होना चाहिए। खनन के क्षेत्र में ऐसे बदलाव किए हैं कि रोजगार में व्यापक संभावनाएं बनेगा। मोदी ने कहा कि पहले 8-10 वनोपज पर ही एमएसपी मिलती थी, किंतु अब 90 वनोपज पर एमएसपी दे रहे हैं। वन धन विकास के लिए 37 हजार से अधिक योजनाएं शुरू की गई है। इससे 7.50 लाख लोगों को रोजगार व स्व रोजगार से जोड़ा जा सकेगा।