मध्य प्रदेश के लिए वर्ष 2022 ऐतिहासिक उपलब्धियों और जन-कल्याण के परिवर्तनकारी प्रयासों से रहा भरपूर
वर्ष अब समाप्ति की ओर है। ऐसे में मप्र के लिए यह कितना उपलब्धियों भरा रहा, इसका आंकलन जरूरी हो गया है। मप्र के लिए वर्ष 2022 ऐतिहासिक उपलब्धियों और जन-कल्याण के परिवर्तनकारी प्रयासों से भरपूर रहा है।;
भोपाल। वर्ष अब समाप्ति की ओर है। ऐसे में मप्र के लिए यह कितना उपलब्धियों भरा रहा, इसका आंकलन जरूरी हो गया है। मप्र के लिए वर्ष 2022 ऐतिहासिक उपलब्धियों और जन-कल्याण के परिवर्तनकारी प्रयासों से भरपूर रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की देखरेख में नागरिक-हितैषी प्रशासन के तहत किए गए प्रयासों से वर्ष 2022 जनसेवा का वर्ष साबित हुआ। सभी वर्गों का ख्याल रखते हुए अनेक जन हितैषी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से गरीब, किसान, महिलाओं, बेटियों, युवाओं और जनजातीय वर्ग को सीधा लाभ मिला।
मप्र को समृद्ध, विकसित और प्रगतिशील राज्य बनाने के लिये अनेक नवाचारी अभियानों की श्रंखला वर्षान्त तक जारी रही। गरीबों को नि:शुल्क आवास, पथ विक्रेताओं को बिना ब्याज का ऋण, महिलाओं को स्व-रोजगार के लिये बैंक लिंकेज, किसानों को सम्मान निधि, किसानों को प्राकृतिक खेती के लिये प्रोत्साहित करने, खेती के लिये ड्रोन प्रणाली की शुरूआत, सिंचाई के क्षेत्र में वृद्धि, आंगनवाड़ियों में जन-भागीदारी, औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश, सुशासन से सुराज और लाड़ली लक्ष्मी योजना -2 की लांचिंग 2022 के अहम पड़ाव रहे। स्व-रोजगार के लिए रोजगार मेले, जनजातीय वर्ग के हित में पेसा एक्ट लागू करने और मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान का संचालन ऐतिहासिक निर्णय साबित हुए।
अनूठा रहा मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान-
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म-दिन दिन 17 सितम्बर से शुरू हुआ मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान मप्र में 45 दिनों तक चला। इस दौरान शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 28 हजार 600 शिविर लगाए गए। इन शिविरों में प्राप्त आवेदनों का बेहतर ढंग से निराकरण किया गया। केन्द्र और राज्य सरकार की 38 हितग्राहीमूलक योजनाओं के लिए 83 लाख आवेदन स्वीकृत किए गए। सभी 83 लाख नए हितग्राहियों को नए साल की शुरूआत से ही लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान से जन सेवा का जो कार्य हुआ है, वह मप्र के लिए ऐतिहासिक है। यह मुख्यमंत्री चौहान की निर्धन और कमजोर वर्ग के प्रति संवेदनशीलता रेखांकित करता है।
जन-सेवा अभियान की अनेक विशेषता रही-
मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान की अनेक विशेषता रही। इसके तहत लगाए गए शिविरों में आम नागरिकों को सूचना देकर आमंत्रित किया गया। यह पुष्टि भी की गई की शासन की योजनाओं में पात्र होने के बावजूद कौन-कौन से पात्र व्यक्ति योजनाओं के लाभ वंचित हैं। ऐसे सभी पात्र हितग्राहियों और परिवार को लाभ दिलाया गया। मुख्यमंत्री चौहान अभियान अवधि के अधिकांश दिनों विकासखंड, ग्राम पंचायत और वार्ड स्तरों के शिविरों में पहुंचे। उन्होंने नागरिकों के बीच योजनाओं के मैदानी क्रियान्वयन की समीक्षा भी की। अभियान में लगे शिविरों की मॉनिटरिंग के साथ दस्तावेजीकरण का कार्य भी किया गया। शिविरों की प्रतिदिन की रिपोर्ट से मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को अवगत कराया गया। मुख्यमंत्री ने अभियान अवधि में अच्छा कार्य करने वालों को सम्मानित एवं पुरस्कृत किया।
100 फीसदी लक्ष्य पूरा हुआ-
यह भी रोचक है कि हितग्राहीमूलक योजनाओं में 100 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने का हर संभव प्रयास किया गया। इस अभियान को जन-अभियान बना कर जहां एक ओर मंत्रिमंडल के सदस्यों सहित पंच-सरपंच और वार्ड पार्षदों को जिम्मेदारियां सौंपी, वहीं दूसरी ओर मुख्य सचिव से लेकर कमिश्नर-कलेक्टर और पटवारी स्तर के अमले ने अभियान को सफल बनाते हुए अनूठे परिणाम दिए। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मात्र 45 दिन में 83 लाख पात्र नागरिकों को शासकीय योजनाओं से जोड़ा जा सका। इन सभी नागरिकों के जीवन में अब नया सवेरा आएगा।