10 हजार की रिश्वत ली नेशनल हेल्थ मिशन के दो कर्मचारियों ने, लोकायुक्त ने किया ट्रैप
इन दोनों ने निलंबित लैब टेक्नीशियन हारून रसीद को बहाल कराने के लिए 10 हजार की रिश्वत ली। बहाली एनएचएम के अधिकारियों से कराने के एवज में एक लाख रुपये की मांग की। तीन घंटे से भी ज्यादा समय तक चली कार्रवाई।;
हरिभूमि न्यूज- भोपाल। एनएचएम यानी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के भोपाल स्थित कार्यालय में लोकायुक्त की टीम ने दो कार्यालय सहायकों को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। जिसमें एक आरोपी महिला कर्मचारी है। इन दोनों ने निलंबित लैब टेक्नीशियन हारून रसीद को बहाल कराने के लिए रिश्वत ली थी। रिश्वत मांगे जाने की शिकायत फरियादी निलंबित लैब टैक्नीशियन जिला नीमच ने लोकायुक्त भोपाल के एसपी मनु व्यास से की थी। इसके बाद ट्रैप कार्रवाई प्लान की गई। फिर सोमवार को जब फरियादी ने इन दोनों को रिश्वत दी तो लोकायुक्त की टीम ने इन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया।
भोपाल लोकायुक्त एसपी व्यास ने हरिभूमि से चर्चा में बताया कि शिकायतकर्ता हारुन पिता पीर मोहम्मद 35 बर्ष निवासी उमर तहसील सिंगोली जिला नीमच लैब टैक्नीशियन जिला क्षय केंद्र नीमच ने 25 फरवरी को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त भोपाल कार्यालय में शिकायत की थी कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एनएचएम कीं कर्मचारी किरण सिंह व नितिन पाल ने निलंबन से बहाली एनएचएम के अधिकारियों से कराने के एवज में एक लाख रुपये की मांग की है। शिकायत की तस्दीक के बाद इस मामले में ट्रैप कार्रवाई प्लान करके सोमवार को आरोपी कर्मचारी किरण सिंह व नितिन पाल को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। इनके खिलाफ कार्रवाई जारी है।
30 दिन रहा था गैर हाजिर :
लोकायुक्त एसपी व्यास ने बताया कि शिकायत करने वाला फरियादी हारुन 10 जून 2013 को नीमच में क्षय केंद्र में लैब टैक्नीशियन पद पर भर्ती हुआ था। यह 30 दिन तक गैर हाजिर रहा। इस कारण इसे वर्ष 2021 में निलंबित किया गया। जिसका बहाली का प्रकरण एनएचएम भोपाल में अधिकारियों के पास लंबित था। इस मामले में हारुन को बहाल कराने के लिए यह रिश्वत ग्रहण की गई।
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