डिजिटल प्रशिक्षण के तहत महिलाए सीख रही स्मार्टफोन के सुरक्षित और बेहतर इस्तेमाल के गुर,बन रही आत्म निर्भर
स्मार्टफोन का उपयोग कर वे जहां अब सरकारी योजना का लाभ ले रही है। तो वहीं नए उद्योग शुरू की प्रक्रिया को समझ रही है।;
भोपाल। कोरोना महामारी के समय राजधानी के आस-पास के ग्रमीण क्षेत्रों में रखने वाली महिलाओं को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। इन समस्याओं से सीख लेते हुए अब यह महिलाएं डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण के तहत स्मार्टफोन के सुरक्षित व बेहतर इस्तेमाल को सीख कर आत्म निर्भर बन रही है। स्मार्टफोन का उपयोग कर वे जहां अब सरकारी योजना का लाभ ले रही है। तो वहीं नए उद्योग शुरू की प्रक्रिया को समझ रही है। यानी यह ग्रमीण महिलाएं भी अब पूरी तरह डिजिटल हो गई है। इसमें इनकी मदद जन आलय शिक्षण प्रशिक्षण समित और विंग्स एंड रिंग्स मीडिया द्वारा की जा रही है। जोकि पिछले कई दिनों से भोपाल जिले के आस-पास की ग्रमीण महिलाओं को प्रशिक्षण दे रही है। इसी के तहत रविवार को जन आलय समिति डिजिटल लिटरेसी ट्रेनर्स के द्वारा भोपाल सेंट्रल जेल के पास स्थित नयापुरा गांव की महिलाओं और बेटियों को डिजिटली साक्षर प्रशिक्षण दिया। ट्रेनर राहुल चौकसे एवं हितेश कुशवाहा की टीम ने जन आलय एनजीओ के साथ महिलाओं को डिजिटल दुनिया से रू-ब-रू कराया। समिति की सचिव शिखा विश्वकर्मा और सह-सचिव काजल थरवानी ने बताया कि अभी हमारी संस्था महिलाओं को डिजिटल साक्षरता, स्वरोजगार, शासकीय योजनाओं और कानूनी अधिकारों समेत हर जरूरी मुद्दों के प्रति जागरूक करने का कार्य कर रही है। फिलहाल जन आलय के द्वारा राजधानी के आसपास के ग्रामीण इलाकों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। काजल थरवानी का कहना है कि वर्तमान में आम आदमी की सबसे बड़ी आवश्यकता है और इसके लिए हम लोगों को ट्रेंड कर रहे हैं।
अब हम सब्जी से लेकर दवाइयां का करते है आॅनलाइन पेमेंट
आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 73 की कार्यकर्ता रंजीता मेहरा ने बताया कि हमारे केंद्र से जुड़ी महिलाओं स्मार्टफोन के बारे में कुछ भी नहीं आता था। जिन्हें थोड़ा बहुत आता था,उनमें कुछ धोखाधड़ी का शिकार भी हो चुकी हैं। लेकिन जन आलय और विंग्स एंड रिंग्स मीडिया के सहयोग से स्मार्ट फोन के उपयोग के बारे सीखा। अब हम हर समय डिजिट अपडेट रहते है। साथ ही शॉपिंग, सब्जी से लेकर दवाइयां भी आॅर्डर कर देते हैं। अब तो बहुत सारी समस्याओं का समाधान हो गया है।