Vande Bharat Express : वंदेभारत के नागपुर और रीवा तक चलाने से बढ़ेंगे यात्री
इंदौर से भोपाल के बीच चलने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस अब नागपुर तक और रानी कमलापति-जबलपुर वंदे भारत ट्रेन रीवा तक कल 10 अक्टूबर से चलेगी।;
भोपाल। इंदौर से भोपाल के बीच चलने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस अब नागपुर तक और रानी कमलापति-जबलपुर वंदे भारत ट्रेन रीवा तक कल 10 अक्टूबर से चलेगी। रेलवे की ओर से रविवार देर रात आदेश जारी करने के साथ ही दोनों ट्रेनों का टाइम टेबल भी जारी कर दिया गया है, लेकिन इसमें किराए का उल्लेख नहीं किया गया है। इन ट्रेनों को नागपुर और रीवा तक चलने से बड़ी संख्या में यात्री मिल सकते हैं।
गाड़ी संख्या 20911 इंदौर से सुबह 6.10 बजे ट्रेन रवाना होकर उज्जैन स्टाफ देने के बाद सुबह 9:15 बजे भोपाल ट्रेन पहुंचेगी। यहां से करीब 9:20 बजे नागपुर के लिए रवाना होगी। जोकि दोपहर करीब 2:30 पर पहुंचेगी। वहां से वापसी में गाड़ी संख्या 20912 नागपुर से 15:20 पर चलेगी। जोकि रात करीब 20:40 पर भोपाल पहुंचेगी। तो वहीं इंदौर रात 11:45 पर पहुंचेगी। इसके साथ ही रानी कमलापति जबलुपर वंदेभारत जो रीवा तक चलेगी, वह रानीकमलापति से सुबह दोपहर 3.30 बजे रवाना होगी और रात 11.30 बजे रीवा पहुंच जाएगी, वहीं यह ट्रेन सुबह 5.30 बजे रीवा से चलेगी और रात 1.30 बजे रानी कमलापति पहुंच जाएगी।
इंदौर-नागपुर के बीच मिलेंगे पर्याप्त यात्री
रेलवे जानकारों का कहना है कि नागपुर से साउथ का सबसे ज्यादा कनेक्शन है। इंदौर-नागपुर के बीच ट्रैफिक भी खूब है। भोपाल से नागपुर के बीच भी ट्रैफिक है। वंदे भारत ट्रेन के नागपुर तक चलने से इंदौर, उज्जैन और होशंगाबाद और नागपुर के यात्रियों को फायदा होगा। वहीं रानी कमलापति-जबलपुर के रीवा तक बढ़ जाने से राजधानी भोपाल में रह रहे बड़ी संख्या में रीवा सतना के यात्रियों को लाभ मिलेगा तो वही मैहर जाने वाले श्रद्धालुओं को भी सुविधा हो सकेगी। वंदे भारत ट्रेन को नागपुर तक बढ़ाने से इंदौर के अलावा भोपाल को भी फायदा होगा। भोपाल के सैकड़ों यात्री भी कम समय में नागपुर आना-जाना कर सकेंगे। नागपुर क्षेत्र से महाकाल लोक दर्शन करने वालों को भी आवागमन की आसान सुविधा मिलेगी।
लंबे समय से हो रही थी मांग
इंदौर-भोपाल वंदे भारत ट्रेन को लंबी दूरी तक चलाने की मांग काफी समय से की जा रही थी। इंदौर-भोपाल के बीच में पर्याप्त यात्री भी ट्रेन को नहीं मिल पा रहे थे। इसलिए ट्रेन को ग्वालियर, खजुराहो और नागपुर तक बढ़ाने की मांग हो रही थी। इसमें नागपुर की संभावना शुरूआत से ज्यादा थी।