विक्रांत भूरिया बोले- यूपीए सरकार ने बनाया था पेसा एक्ट, भाजपा ने आदिवासी भावनाओं के विपरीत प्रावधान किए
प्रदेश यूथ कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने आरोप लगाया है कि ऐसा एक्ट के लिए जो भी नियुक्तियां की गई हैै,उनमें भाजपा और संघ से जुड़े लोगों को उपकृत किया गया है। इसके खिलाफ यूथ कांग्रेस प्रदेश भर में आंदोलन करेंगी। उन्होंने दावा किया कि केंद्र की यूपीए सरकार द्वारा 1996 में संसद में पेसा एक्ट को पारित किया गया था, जो स्वर्गीय दिलीपसिंह भूरिया की अध्यक्षता में गठित भूरिया कमेटी के ड्राफ्ट पर आधारित था। लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार ने आदिवासी वर्ग की मूल भावनाओं के विपरीत एक्ट में प्रावधान किए गए है।;
भोपाल। प्रदेश यूथ कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने आरोप लगाया है कि ऐसा एक्ट के लिए जो भी नियुक्तियां की गई हैै,उनमें भाजपा और संघ से जुड़े लोगों को उपकृत किया गया है। इसके खिलाफ यूथ कांग्रेस प्रदेश भर में आंदोलन करेंगी। उन्होंने दावा किया कि केंद्र की यूपीए सरकार द्वारा 1996 में संसद में पेसा एक्ट को पारित किया गया था, जो स्वर्गीय दिलीपसिंह भूरिया की अध्यक्षता में गठित भूरिया कमेटी के ड्राफ्ट पर आधारित था। लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार ने आदिवासी वर्ग की मूल भावनाओं के विपरीत एक्ट में प्रावधान किए गए है।
भाजपा ने फर्जी पेसा कानून लागू किया
प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए यूथ कांग्रेस के प्रदेेशाध्यक्ष भूरिया ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान जो ड्राफ्ट बनाया गया था,उसका मूल उद्देश्य ग्राम सभाओं को सर्वशक्तिशाली, सशक्त और संपन्न बनाना था, जिसके लिए एक नारा दिया था ‘न लोकसभा, न विधानसभा सबसे बड़ी ग्राम सभा।’ पेसा कानून का मूल उद्देश्य विधानसभा, लोकसभा से बड़ी शक्ति ग्रामसभा बने, ग्रामसभा स्वतंत्र रूप से काम कर सके और नौकरशाही खत्म हो, लेकिन वर्तमान में एसडीएम, तहसीलदार, कलेक्टर ऊपर हैं।आज भाजपा ने एक पूरी तरह से कमजोर और फर्जी पेसा कानून लागू किया जो कि आदिवासी वर्ग की मूल भावनाओं के बिल्कुल विपरीत है और उनके साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ किया जा रहा है। भूरिया ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार के पेसा एक्ट में फर्जी नियुक्तियां की गई हैं,जिसमें बीजेपी और संघ से जुड़े लोगों को पेसा एक्ट का कोऑर्डिनेटर बना दिया गया है। इसमें एक भी महिला की नियुक्ति नहीं की गई है। भूरिया ने कहा कि सरकार के इशारे पर आदिवासियों को बांटने की कोशिश की जा रही है। अब इसको लेकर सड़क पर भी आंदोलन होगा और अदालत का दरवाजा भी खटखटाएगी । भूरिया ने कहा कि यह भर्तियां सरकारी एजेंसी से न करवाकर आउटसोर्स एजेंसी से क्यों कराई गईं। क्या इन नियुक्तियों में आरक्षण और मैरिट लिस्ट का पालन हुआ है। उन्होंने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने एवं भर्तियां निरस्त करने की मांग की है। पत्रकार बार्ता में प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा भी मौजूद रहे।