राजस्थान की जेलों में नियम सख्त- प्रतिबन्धित सामग्री पाये जाने पर होगा बन्दी के विरूद्ध मामला दर्ज
राजस्थान की जेलों में नियम और भी ज्यादा सख्त कर दिए हैं। हाल ही के दिनों में ऐसी घटनाएं सामने आई थीं जिसमें कई बन्दियों के पास से मोबाइल बरामद किए गए थे इसी के देखते हुए कारागृह विभाग की तरफ से नियमों को सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है।;
जयपुर। राजस्थान की जेलों में नियम और भी ज्यादा सख्त कर दिए हैं। हाल ही के दिनों में ऐसी घटनाएं सामने आई थीं जिसमें कई बन्दियों के पास से मोबाइल बरामद किए गए थे इसी के देखते हुए कारागृह विभाग की तरफ से नियमों को सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है। अब राजस्थान की जेलों में बन्दियों के पास मोबाईल या अन्य प्रतिबन्धित सामग्री पाये जाने पर सम्बन्धित बन्दी के विरूद्ध मामला दर्ज कर उसका तत्काल अन्य कारागृह में स्थानान्तरण किया जायेगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में आयोजित कारागार विभाग की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गयी।
बैठक में महानिदेशक (जेल) बी एल सोनी सहित वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारीगण मौजूद थे। सिंह ने समस्त कारागृहों में मोबाइल, सिमकार्ड एवं अन्य प्रतिबन्धित सामग्री ले जाने/रखने पर रोक के लिए सघन तलाशी अभियान संचालित करने के निर्देश दिये। उन्होंने तलाशी की वीडियों रिकार्डिंग करने एवं संवेदनशील कारागृहों पर कर्मियों को एक निश्चत अवधि के बाद अन्यत्र स्थानान्तरित करने के निर्देश दिये। महानिदेशक जेल ने बताया कि राज्य में 10 केन्द्रीय कारागृह एवं एक उच्च सुरक्षा कारागृह तथा 40 खुला बन्दी शिविर सहित कुल 145 कारागृह संचालित किये जा रहे है। राज्य के 105 कारागृहों की क्षमता 21 हजार 525 एवं 40 बन्दी खुला शिविर की क्षमता 1432 है। वर्तमान में इन कारायगृहों में कुल 20 हजार 248 बन्दी है। कारागार सुरक्षा के लिए 489 जेल मुख्य प्रहरी एवं 2 हजार 387 जेल प्रहरी कार्यरत है। कारागारों की बाहय सुरक्षा के लिए आरएसी के 781 जवान तैनात है। उन्होंने बताया कि राजस्थान एकमात्र राज्य जहां कोरोना वायरस महामारी के दौरान समस्त कारागारों में बंद बन्दियों की मुलाकात वीडियो कॉलिंग से करवायी जा रही है। अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ने कारागारों के रिक्त पदों को यथाशीघ्र भरने की कार्यवाही हेतु आवश्यक निर्देश दिये।