मानवता हुई शर्मसार : 9 महीने बाद घर में हुई बेटी तो रेत के टीलों के बीच गड्ढे में दबा आया परिवार, बकरियों ने ऐसे बचवाई बच्ची की जान
मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक ऐसा ही मामला राजस्थान के जोधपुर जिले के शेरगढ़ थाना इलाके से सामने आया है। यहां नौ महीने तक कोख में रखने के बाद जब घर में लक्ष्मी का जन्म हुआ तो बेरहम परिजनों ने उस मासूम को रेत के टीलों के बीच गड्ढे में जिंदा दबा दिया।;
जोधपुर। आज के समय में बेटा या बेटी में कोई भेद नहीं है। इतना ही नहीं बेटों से आगे निकल बेटी बडे़ मुकाम हासिल कर मां बाप का नाम रोशन कर रही है। लगभग हर फील्ड में लड़कियां लड़कों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। इसके बावजूद समाज में आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो बेटे पैदा होने की ख्वाहिश रखते हैं और बेटी पैदा होने पर अफसोस जाहिर करते हैं। मानवता को शर्मसार करने वाला ऐसा ही एक मामला राजस्थान के जोधपुर स्थित शेरगढ़ से सामने आया। यहां घर बेटी के जन्म लेने के बाद परिजनों ने उसे गड्ढे में दबा दिया।
बेटी जन्मी तो परिजनों ने गड्ढे में दबाया
मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक ऐसा ही मामला राजस्थान के जोधपुर जिले के शेरगढ़ थाना इलाके से सामने आया है। यहां नौ महीने तक कोख में रखने के बाद जब घर में लक्ष्मी का जन्म हुआ तो बेरहम परिजनों ने उस मासूम को रेत के टीलों के बीच गड्ढे में जिंदा दबा दिया। किस्मत की बात है कि इतना कुछ होने के बाद भी बच्ची की सांसें चलती रहीं और वहां बकरियां चराने वाले कुछ लोगों की नजर उस पर पड़ गई। उन्होंने फरिश्ता बनकर उस मासूम को बचा लिया। बाद में उसे अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल लाने के बाद डॉक्टरों ने बच्ची की जांच की तो उसका वजन कम पाया गया। इसके साथ ही बच्ची को सांस लेने में भी दिक्कत आ रही थी।
चरवाहे ने ऐसे बचाई जान
पुलिस के अनुसार मामला शेरगढ़ (Shergarh) थाना इलाके भालू राजवा गांव का है। वहां कुछ लोगों ने अपनी नवजात बेटी (New Born Baby) को अपने ही हाथों से गड्ढा खोदकर उसमें डाल दिया। इससे भी जब उनका मन नहीं भरा तो उन्होंने गले को छोड़ बच्ची का बाकी शरीर मिट्टी में दबा दिया। गनीमत यह रही है वहां से थोड़ी ही दूरी पर कुछ चरवाहे बकरियां चरा रहे थे। उन्होंने जब बच्ची के रोने के आवाज सुनी तो वे वहां पहुंचे। उन्होंने बच्ची को मिट्टी में दबा देखकर उसे बाहर निकाला।