जहरीली शराब मामले कड़ी कार्रवाई : अब संभागीय आयुक्त करेंगे जांच, संबंधित अधिकारी और कर्मचारी सस्पेंड

राजस्थान सरकार ने मामले में कार्रवाई करते हुए अनेक अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है और इसकी जांच संभागीय आयुक्त से कराने का फैसला किया है। इस बीच कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या सात हो गयी है।;

Update: 2021-01-15 05:08 GMT

जयपुर। राजस्थान में भरतपुर जिले में हुआ जहरीली शराब मामला तूल पकड़ता जा रहा है। यहां अब तक जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हो गई है। वहीं राजस्थान सरकार ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए अनेक अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है और इसकी जांच संभागीय आयुक्त से कराने का फैसला किया है। इस बीच कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या सात हो गयी है। घटना भरतपुर जिले के रूपवास थाना क्षेत्र के चक सामरी गांव की है। जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने बताया कि जहरीली शराब पीने से बीमार तीन और लोगों की बृहस्पतिवार को मौत हो गई, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर सात हो गई है जबकि पांच अन्य का उपचार जारी है। इस संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए आबकारी, प्रवर्तन, प्रशासन व पुलिस के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया। एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इसके तहत भरतपुर के जिला आबकारी अधिकारी, सहायक आबकारी अधिकारी व प्रवर्तन अधिकारी राकेश शर्मा, बयाना आबकारी थाने के गश्त अधिकारी रेवतसिंह राठौड़, बयाना के आबकारी निरीक्षक योगेंद्र सिंह को निलंबित किया गया है। इसी तरह रूपवास में आबकारी प्रवर्तन थाने के संपूर्ण स्टाफ को भी निलंबित कर दिया गया है। पुलिस थाना रूपवास के सहायक उप निरीक्षक मोहन सिंह व दो अन्य सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है। प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और इसके कारणों व संपूर्ण परिस्थितियों की जांच भरतपुर के संभागीय आयुक्त से कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये व अन्य पीड़ितों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का निर्णय किया है।

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