Rajasthan: गहलोत-पायलट के समर्थकों में चले ताल-घूंसे, देखती रह गई पुलिस

राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के समर्थकों में चली आ रही जुबानी जंग अब मारपीट में बदल गई है। इसका ताजा उदाहरण अजमेर (Ajmer) में देखने को मिला, जहां राजस्थान कांग्रेस की सह प्रभारी अमृता धवन (Amrita Dhawan) के कार्यक्रम में दोनों नेताओं के समर्थक आपस में लड़ पड़े। पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया है।;

Update: 2023-05-18 13:11 GMT

राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के समर्थकों में चली आ रही जुबानी जंग अब मारपीट में बदल गई है। इसका ताजा उदाहरण अजमेर (Ajmer) में देखने को मिला, जहां राजस्थान कांग्रेस की सह प्रभारी अमृता धवन (Amrita Dhawan) के कार्यक्रम में दोनों नेताओं के समर्थक आपस में लड़ पड़े। इस दौरान समर्थकों के बीच जमकर लात-घूंसे चले, जिससे दोनों पक्ष के कई लोग घायल हो गए। पुलिस मूकदर्शक बनकर देखती रह गई। बाद में राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) ने कई लोगों को हिरासत में लिया।

जानकारी के अनुसार, राजस्थान कांग्रेस की सह प्रभारी अमृता धवन आज अजमेर पहुंची थीं। उनके कार्यक्रम में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के समर्थक आए हुए थे। तभी अचानक किसी बात को लेकर समर्थकों में तनातनी का माहौल बन गया। देखते ही देखते अमृता धवन के सामने ही दोनों ओर से लात-घूंसे चलने लगे, जिससे कई कांग्रेसी कार्यकर्ता घायल हो गए। पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को अस्पताल में भर्ती कराया है। बता दें कि अभी हाल ही में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अजमेर से जयपुर तक की पांच दिवसीय जन संघर्ष यात्रा निकाली थी। यात्रा के दौरान वे खुलकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ उतर आए थे। उन्होंने कहा था कि वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia) की सरकार में हुए भ्रष्टाचार (Corruption) की जांच गहलोत सरकार को करानी चाहिए, लेकिन जब सरकार जांच का आदेश नहीं दे रही है, तो सरकार की मानसिकता पर सवाल खड़ा होता है।

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इस साल के अंत में होना है राजस्थान चुनाव

गौरतलब है कि इस साल के आखिर में राजस्थान चुनाव (Rajasthan Election) होना है। परंतु सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पायलट अब खुलकर गहलोत के विरोध में उतर आए हैं। वे अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे पार्टी सकते में है। चुनाव से पहले दोनों नेताओं के बीच ये जंग पार्टी पर भारी पड़ सकती है, चूंकि सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) के कद्दावर नेता हैं। 2018 में जब राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी थी, तो पायलट ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे। इनके नेतृत्व में ही 2018 का राजस्थान चुनाव लड़ा गया था। उस दौरान कांग्रेस को जीत मिली थी। समर्थकों का कहना है कि 2018 का चुनाव सचिन पायलट के चेहरे पर लड़ा गया था। इस बात की टीस अभी भी पायलट के मन में है। वे अक्सर गहलोत सरकार के फैसलों पर सवाल उठाते रहते हैं और वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर भी उन्हें घेरते रहते हैं।

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