Congress Crisis: गहलोत-पायलट के बीच खींचतान कम करने की जिम्मेदारी अब केसी वेणुगोपाल के कंधे पर, 29 को आएंगे राजस्थान
राजस्थान कांग्रेस के बीच गुटबाजी को खत्म करने के लिए कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल को जिम्मेदारी दी गई है। वे 29 नवंबर को राजस्थान आएंगे। वे गुटबाजी खत्म करने के साथ ही एक बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। पढ़िये रिपोर्ट...;
राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी के चलते पूरी कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है। दिसंबर के पहले सप्ताह में भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में प्रवेश करने वाली है। सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे विवाद के चलते आशंका है कि कहीं इसका असर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर न पड़े। इसके लिए इन दोनों नेताओं के बीच विवाद को खत्म करने की दिशा में फिर से प्रयास शुरू हो गए हैं। इस बार पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल को जिम्मेदारी दी गई है कि इस विवाद का समाधान निकाला जाए। इसके लिए केसी वेणुगोपाल राजस्थान के जयपुर में 29 नवंबर को आएंगे। वे सुनिश्चित करेंगे कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में दोनों के बीच विवाद के चलते कोई रुकावट न हो।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी में चल रहे राजनीतिक संकट को देखते हुए कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिलने के बाद दिल्ली आए। उन्होंने दिल्ली आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन से राजनीतिक संकट पर बात की। अब 29 नवंबर को महासचिव केसी वेणुगोपाल जयपुर आएंगे और बैठक लेंगे। इस दौरान सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट मौजूद रहेंगे। वेणुगोपाल सुनिश्चित करेंगे कि भारत जोड़ो यात्रा जब राज्य से होकर गुजरे तो कोई भी नेता आपस में या पार्टी के लिए अनुशासनहीनता न करें। इसके अलावा वे यात्रा की सफलता के लिए मिलजुलकर प्रयास करने के लिए भी प्रेरित करेंगे।
यात्रा के लिए समिति का करेंगे गठन
सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि केसी वेणुगोपाल राजस्थान के जयपुर के दौरे के दौरान भारत जोड़ो यात्रा में व्यवस्था को लेकर राजस्थान में समिति का गठन करेंगे। इसके अलावा राजस्थान में राजनीतिक संकट पर भी बात करेंगे। अगर समझाइश के बावजूद भी समाधान नहीं निकलता तो सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही सीएम अशोक गहलोत ने एक बयान में कहा कि वह पायलट को कभी सीएम नहीं बनने देंगे। साथ ही, सचिन पायलट भी समय-समय पर अशोक गहलोत के खिलाफ तीखे बयान देते रहे हैं। ऐसे में हाईकमान ने तय किया है कि अगर भारत जोड़ो यात्रा के दौरान किसी ने भी कोई गैरजरूरी या अनुशासनहीनता के दायरे में आने वाला बयान दिया तो सख्त कार्रवाई की जा सकती है।