राजस्थान के कई जिलों में मानसून की बारिश सामान्य से कम रही, जलापूर्ति के लिए 'वाटर ट्रेन' चला सकता है प्रशासन
पाली जिले के जल जीवन रेखा जवाई बांध में लगभग 10 फुट पानी बचा है, इसी समस्या को देखते हुए प्रशासन पानी की मांग को पूरा करने के लिए 'वाटर ट्रेन' चलाने के विकल्प पर विचार कर रहा है।;
जयपुर। राजस्थान के करीब एक दर्जन जिलों में इस बार मानसून (Rajasthan Monsoon) की बारिश सामान्य से कम रही है और प्रशासन पाली (Pali) जिले में पेयजल (Drinking Water) के आसन्न संकट से निपटने के लिए 'वाटर ट्रेन' (Water Train) चलाने पर विचार कर रहा है। पाली जिले के जल जीवन रेखा जवाई बांध में लगभग 10 फुट पानी बचा है, इसी समस्या को देखते हुए प्रशासन पानी की मांग को पूरा करने के लिए 'वाटर ट्रेन' चलाने के विकल्प पर विचार कर रहा है। जवाई बांध इलाके के सुमेरपुर, रालकानी, फालना, बाली जैतारण, सोजत, तख्तगढ़, मारवाड़ जंक्शन सहित पाली शहर को पानी की आपूर्ति करता है। इनके अलावा अनके छोटे-छोटे गांव पेयजल के साथ साथ सिंचाई के लिए जवाई बांध पर निर्भर हैं।
15 सितंबर तक भेजी जाएगी रिपोर्ट
जल संसाधन एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (Department of Water Resources and Public Health Engineering) 15 सितंबर तक इंतजार करेगा जिसके बाद पेयजल आपूर्ति के वास्ते बजट स्वीकृति के लिए रिपोर्ट भेजी जाएगी। वहीं विभाग के अधीक्षण अभियंता जगदीश प्रसाद शर्मा ने बताया कि बांध के डेड स्टोरेज (dam dead storage) से 20 सितंबर के बाद प्रतिदिन 50-60 मिलियन लीटर प्रतिदिन (MLD) पानी की आपूर्ति की जाएगी। इसे देखते हुए 21 सितंबर से वाटर ट्रेन चलाने का निर्णय किया गया है। यह ट्रेन जोधपुर (Jodhpur) से पाली तक प्रतिदिन चार फेरे में करीब 10 MLD पानी की आपूर्ति करेगी। साल 2019 में, पाली में ट्रेन के माध्यम से पानी की आपूर्ति करनी पड़ी थी जब क्षेत्र में मानसून की गतिविधि औसत से कम रही।
इस बार कम मेहरबान रहा मानसून
राजस्थान में इस बार मानसून के दौरान राज्य की औसत वर्षा अभी भी 2 सितंबर, 2020 की तुलना में 8.8 प्रतिशत कम है। मौसम विभाग के अनुसार लगभग एक दर्जन जिलों में अब भी बारिश सामान्य से कम हुई है। इनमें बांसवाड़ा (Banswara), बाड़मेर (Barmer), भीलवाड़ा (Bhilwara), बीकानेर (Bikaner), डूंगरपुर (Dungarpur), श्रीगंगानगर (Sriganganagar), जालोर (Jalaur), झुंझुनू (Jhunjhunu), जोधपुर (Jodhpur), पाली (Pali), राजसमंद (Rajsamand) और उदयपुर (Udaipur) शामिल हैं। प्रभावित जिलों के जिला कलेक्टरों को भी सूखे या सूखे जैसी स्थिति के लिए आकस्मिक योजना बनाने को कहा गया है।