Rajasthan: शव लेकर प्रदर्शन करने पर होगी जेल, विधानसभा में कानून पारित
Rajasthan: अपने परिवार के सदस्यों के लिए "अनुचित मांगों" की मांग करते हुए शवों के साथ सड़कों पर बैठने वाले प्रदर्शनकारियों को अब पांच साल तक की कैद का सामना करना पड़ेगा, राजस्थान विधानसभा ने गुरुवार को एक विधेयक पारित किया जो ऐसे कृत्यों को दंडनीय अपराध बनाता है। आइए जानते है पूरी खबर को बिस्तार से...;
Rajasthan: राजस्थान में अब शव सार्वजनिक स्थान पर रखकर प्रदर्शन करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी। मरने वाले के सम्बन्धियों के साथ नेताओं को भी सजा दी जाएगी। अशोक गहलोत सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में इसके लिए विधेयक पारित किया है। इसमें प्रविधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति मरने वाले के शरीर का उपयोग विरोध के लिए करता है तो उसे छह महीने और शव का उपयोग विरोध-प्रदर्शन के लिए करने की अनुमति देने वाले स्वजन को दो साल तक की सजा हो सकती है।
समय पर शव का करना होगा अंतिम संस्कार
लावारिस लाशों का डिजिटल डाटा बैंक बनाएगी सरकार
लावारिस शवों को डीप फ्रीजर (deep freezer) में रखना होगा। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार लावारिस शवों का जिलेवार डिजिटल डाटा बैंक बनाएगी। इस बीच भाजपा विधायकों (BJP MLAs) ने बहस के दौरान इसकी तुलना आपातकाल (Emergency) के मीसा कानून (Meesa Law ) से की। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सरकार आवाज को दबाने वाला कानून(LAW ) लेकर आई है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस पर संसदीय कार्यमंत्री (Parliamentary Affairs Minister) शांति धारीवाल ने विपक्ष (opposition) की आपत्तियां खारिज करते हुए कहा कि शव रखकर धरने-प्रदर्शन करना और नौकरी व पैसों की मांग करने की घटनाएं प्रदेश में लगातार बढ़ रही हैं। 2019 से लेकर 2023 तक 306 घटनाएं हो चुकी हैं। यदि ये कानून नहीं आता तो यह आंकड़ा और बढ़ता।
Also Read: Jodhpur: जोधपुर में दिल दहला देने वाली घटना, रिश्तेदार ने 6 महीने की बच्ची समेत 4 को जिंदा जलाया