राजस्थान सरकार ने दी इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना के प्रारूप को मंजूरी

राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए मनरेगा जैसी योजनाएं संचालित हैं, लेकिन शहरी क्षेत्र में ऐसी कोई व्यापक योजना उपलब्ध नहीं थी। इसे देखते हुए ही यह योजना लाई गई है। इसके तहत लाभार्थी को बिना किसी गारंटी के 50 हजार रूपए तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।;

Update: 2021-08-16 11:35 GMT

जयपुर। राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने शहरी क्षेत्र के रेहड़ी-पटरी वालों तथा सेवा क्षेत्र के युवाओं (youth) व बेरोजगारों (unemployed) को स्वरोजगार के लिए 'इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना-2021' (Indira Gandhi Urban Credit Card Scheme-2021) के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया है। इस योजना में लाभार्थी को बिना किसी गारंटी के 50 हजार रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण (interest-free credit) उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने इस योजना के प्रारूप को मंजूरी दे दी है। गहलोत ने वैश्विक महामारी (global pandemic) के दृष्टिगत शहरी क्षेत्रों में रोजगार, स्वरोजगार तथा रोजमर्रा की जरूरतों के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने हेतु इस वर्ष के बजट में 'इन्दिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना' लागू करने की घोषणा की थी।

एक सरकारी बयान के अनुसार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए मनरेगा जैसी योजनाएं संचालित हैं, लेकिन शहरी क्षेत्र में ऐसी कोई व्यापक योजना उपलब्ध नहीं थी। इसे देखते हुए ही यह योजना लाई गई है। इसके तहत लाभार्थी को बिना किसी गारंटी के 50 हजार रूपए तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। योजना का लाभ नगरपालिका, नगर परिषद एवं नगर निगम की सीमा में रह रहे पांच लाख लोगों को प्रदान किया जाएगा। बयान के अनुसार योजना का क्रियान्वयन स्वायत्त शासन विभाग के माध्यम से किया जाएगा। शहरी क्षेत्र के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियों के लिए अनुसूचित जाति निगम द्वारा योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। योजना एक वर्ष के लिए लागू रहेगी और 31 मार्च, 2022 तक नए ऋण स्वीकृत किए जा सकेंगे।

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