राजस्थान में कोरोना मचा रहा कहर, प्रदेश सरकार ने 11 जिला मुख्यालयों पर लगाई धारा-144

राजस्थान में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 11 जिलों में जिला मुख्यालयों में सार्वजनिक स्थलों पर धारा-144 लगा दी गई है और पांच सेअधिक व्यक्तियों के समूह में इकट्ठा होने पर रोक लगाने का निर्णय किया है।;

Update: 2020-09-20 08:02 GMT

जयपुर। राजस्थान में कोरोना वायरस का प्रकोप अपने पीक पर है। प्रदेश में कोरोना ने कोहराम मचाया हुआ है। यहां संक्रमण के मामलों में बहुत तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसी प्रकोप को देखते हुए गहलोत सरकार ने शनिवार देर रात एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 11 जिलों में जिला मुख्यालयों में सार्वजनिक स्थलों पर धारा-144 लगा दी गई है और पांच सेअधिक व्यक्तियों के समूह में इकट्ठा होने पर रोक लगाने का निर्णय किया है।

कोविड-19 संक्रमण की गंभीर स्थिति के मद्देनजर जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, बीकानेर, उदयपुर, सीकर, पाली और नागौर जिलों के मुख्यालय वाले शहरों में सार्वजनिक स्थलों पर धारा-144 के तहत पांच से अधिक व्यक्तियों के एक साथ इकट्ठा होने पर प्रतिबंध रहेगा। सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनने और सामाजिक दूरी के नियम का पालन अनिवार्य होगा। संबंधित जिले के कलेक्टर इस संबंध में आदेश जारी करेंगे।

सामाजिक-धार्मिक आयोजन पर रोक बढ़ी

गहलोत ने राज्य में कोविड-19 महामारी की स्थिति और उससे बचाव के उपायों पर अधिकारियों के साथ बैठक में पूरे प्रदेश में किसी भी सामाजिक-धार्मिक आयोजन पर रोक को भी 31 अक्टूबर तक यथावत जारी रखने का निर्णय लिया है। एक सरकारी बयान के अनुसार केवल अंतिम संस्कार में 20 तथा विवाह-शादी के आयोजन में 50 व्यक्तियों के शामिल होने की छूट पूर्ववत रहेगी, लेकिन इसके लिए स्थानीय उपखण्ड अधिकारी को पूर्व सूचना देनी होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी जिले में आक्सीजन बेड, आईसीयू बेड तथा वेन्टिलेटर जैसे जीवन रक्षक उपकरणों की कमी नहीं है। इस संबंध में कतिपय भ्रामक सूचनाएं फैलाई गई हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। गहलोत ने महामारी के संक्रमण से बचने के लिए सभी सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने और उचित दूरी रखने सहित स्वास्थ्य नियमों की कड़ाई से पालना करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लोगों को बाजारों, कार्यालयों, सार्वजनिक परिवहन, पर्यटन स्थलों आदि सभी जगह पर 'नो मास्क, नो एन्ट्री' के संकल्प का पालन करना चाहिए।  

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