राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस को दिए निर्देश, फिल्म निर्देशक प्रकाश झा के खिलाफ कठोर कार्रवाई न करें, जानें क्या है मामला

राजस्थान उच्च न्यायालय ने पुलिस को निर्देश दिए कि वह वेब सीरीज 'आश्रम' में कथित तौर पर दलितों की भावनाएं आहत करने को लेकर दर्ज प्राथमिकी के मामले में फिल्म निर्देशक प्रकाश झा के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं करे।;

Update: 2021-02-16 07:11 GMT

जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) ने पुलिस को निर्देश दिए कि वह वेब सीरीज 'आश्रम' (Ashram) में कथित तौर पर दलितों की भावनाएं आहत करने को लेकर दर्ज प्राथमिकी के मामले में फिल्म निर्देशक प्रकाश झा (Prakash Jha) के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं करे। प्रकाश झा पर इस वेब सीरीज में दलित समुदाय को 'आपत्तिजनक' तरीके से पेश करने का आरोप है।

उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ ने झा के खिलाफ जोधपुर के लुनी पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के अनुरोध वाली निर्देशक की याचिका पर होने वाली सुनवाई की अगली तारीख तक के लिए उन्हें यह राहत प्रदान की। न्यायमूर्ति मनोज कुमार गर्ग की पीठ ने शिकायतकर्ता और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और उन्हें झा की याचिका के संदर्भ में छह सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए भी कहा। वेब सीरीज के पहले एपिसोड में कथित तौर पर दिखाया गया है कि शादी करने जा रहे दलित समुदाय के जोड़े के घोड़े पर सवार होकर जाने के दौरान ऊंची जाति के लोगों द्वारा उनका अपमान किया जाता है। इस सीन को लेकर ही आपत्ति जताते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

ये लगे थे आरोप

परिवादी मेघवाल के परिवाद के अनुसार वेब सीरीज आश्रम में निर्माता निर्देशक प्रकाश झा ने एक जाति विशेष के खिलाफ अभद्र भाषा का उपयोग कई बार किया। निम्न जाति का बताते हुए भद्दे कमेंट सीरीज में दिखाए गए हैं। आरोप है कि निर्माता ने जानबूझकर बहुत ही घटिया निम्न स्तर से समाज विशेष को खुलेआम बेइज्जत किया है, देश में सांप्रदायिकता वैमनस्यता भड़काने, दंगा-फसाद भड़काने का गंभीर कृत्य किया है। वेब सीरीज में नग्नता का चित्रण करने के साथ ही महिला वर्ग को लेकर भी निम्न स्तर के शब्दों का उपयोग किया गया है। जिसे सात आठ मिलियन लोगो द्वारा देखा गया। इसीलिए मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की गुहार की है. जिस पर लूणी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

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