राजस्थान में 1,900 लोगों को बिलावजह बाहर घूमना पड़ा महंगा, पुलिस ने संक्रमण फैलाने के आरोप में दी ये सजा
राजस्थान में बिलावजह बाहर घूम रहे 1900 लोगों को संक्रमण फैलाने के आरोप में निरूद्ध कर संस्थागत पृथकवास में भेजा गया है। पुलिस महानिदेशक एम. एल. लाठर ने बताया कि तीन मई को अनावश्यक बाहर घूम रहे 1900 लोगों को संक्रमण फैलाने के आरोप में निरूद्ध कर संस्थागत पृथकवास में भेजा गया।;
जयपुर। राजस्थान में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले चिंता का विषय बने हुए हैं। राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। इसी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सख्त पाबंदियां लगाई हुई हैं। मगर फिर भी लोग कोरोना प्रोटोकोल की अवहेलना करते नजर आ रहे हैं। राजस्थान में बिलावजह बाहर घूम रहे 1900 लोगों को संक्रमण फैलाने के आरोप में निरूद्ध कर संस्थागत पृथकवास में भेजा गया है। पुलिस महानिदेशक एम. एल. लाठर ने बताया कि तीन मई को अनावश्यक बाहर घूम रहे 1900 लोगों को संक्रमण फैलाने के आरोप में निरूद्ध कर संस्थागत पृथकवास में भेजा गया।
2701 लोगों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत हुई कार्यवाही
सरकारी बयान के अनुसार, लाठर ने बताया कि पिछले 24 घंटों में बिना मास्क के घर से निकलने वाले अथवा ठीक से मास्क नहीं लगाने वाले 2701 लोगों के विरूद्ध महामारी अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई है। इसी अवधि में सार्वजनिक स्थलों पर थूकने वाले 2120 व्यक्तियों एवं संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक दो गज की दूरी का नियम नहीं मानने वाले 26,840 लोगों के खिलाफ जुर्माना लगाया गया है।
कोविड-19 महामारी में चिकित्सकीय ऑक्सीजन और अतिआवश्यक दवाइयों की कालाबाजारी करने वालों लोगों की पहचान करने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए राज्य सरकार ने विशेष दल का गठन किया है। लाठर ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा ऐसे असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने 30 अप्रैल को अपने आदेश में कोविड-19 के ईलाज में काम आने वाली दवाईयों, इंजेक्शनों की जमाखोरी, अधिक कीमत और नकली दवाइयां बेचने, कालाबाजारी रोकने के संबंध में कार्यवाही के निर्देश दिए थे।