राजस्थान में राजनीतिक हलचल तेज- पांच दिन बाद कांग्रेस आलाकमान से मिले बिना दिल्ली से वापिस जयपुर लौटे सचिन पायलट

सचिन पायलट कैंप के आवास पर आज सुबह से ही हलचल तेज है। आज दोपहर 12 बजे बाद सचिन पायलट कैंप के विधायक पायलट के सरकारी आवास में पहुंचेंगे, जहां पर सचिन पायलट इन विधायकों के साथ बैठक करके अगली रणनीति पर चर्चा करेंगे।;

Update: 2021-06-17 06:26 GMT

जयपुर। राजस्थान में राजनीतिक हलचल अब और भी ज्यादा तेज हो गई है। प्रदेश में जारी मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर उठा बवंडर अभी भी शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चल रही बयानबाजी के बीच कल देर रात जहां सचिन पायलट (Sachin Pilot) कैंप के वरिष्ठ विधायक शेखावत का बड़ा बयान सामने आया था, तो वहीं अब सभी की निगाहें सचिन पायलट कैंप के अगले कदम पर है कि आगे सचिन पायलट क्या कदम उठाने वाले हैं। सूत्रों की माने तो सचिन पायलट कैंप के आवास पर आज सुबह से ही हलचल तेज है। आज दोपहर 12 बजे बाद सचिन पायलट कैंप के विधायक पायलट के सरकारी आवास में पहुंचेंगे, जहां पर सचिन पायलट इन विधायकों के साथ बैठक करके अगली रणनीति पर चर्चा करेंगे।

5 दिन बाद बैरंग लौटे पायलट

वहीं दूसरी ओर 11 जून को शाम दिल्ली पहुंचे सचिन पायलट 5 दिन के बाद वापस बैरंग जयपुर लौट आए हैं। हालांकि दिल्ली दौरे के दौरान प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi), राहुल गांधी (Rahul Gandhi), केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) और अजय माकन (Ajay Makan) से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। केवल मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former CM Kamalnath) और कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णन (Pramod Krishnan) से ही उनकी मुलाकात हो पाई थी।

पायलट समर्थक विधायक ने किया समय मांगने से इनकार

बुधवार को पायलट समर्थक विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने भी साफ किया था कि सचिन पायलट ने किसी भी नेता से मिलने का समय नहीं मांगा है। अगर आलाकमान समय देगा तो वह जरूर मिलने जाएंगे। इससे पहले वरिष्ठ विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत ने कहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों की सौदेबाजी की जो खबरें चल रही है वह बिल्कुल झूठी और बेबुनियाद है, इस तरह की कोई शर्त पायलट कैंप की तरफ से नहीं की गई है। सचिन पायलट तो केवल कार्यकर्ताओं के मान सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं।

क्यों बढ़ रहा राजनीतिक संकट?

गौरतलब है कि बीते साल सियासी संकट के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पायलट कैंप और गहलोत कैंप के बीच सुलह का रास्ता अपनाते हुए पायलट कैंप की मांगों को सुनने के लिए 3 सदस्य कमेटी का गठन किया था लेकिन 10 माह बाद भी कमेटी की ओर से पायलट कैंप की मांगों पर कोई ध्यान नहीं देने से पायलट कैंप के विधायकों की नाराजगी बढ़ती जा रही है, जिसके बाद से पार्टी में बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है।

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