कपिल सिब्बल ने की मांग, बगावत करने वाले जनप्रतिनिधियों के अगला चुनाव लड़ने पर रोक लगे

राजस्थान में चल रहा सियासी घमासान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। यहां राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ सचिन पायलट और उनके विधायकों के बागी होने से यह एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। वहीं इस मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि बगावत करने वाले जन प्रतिनिधियों के पांच साल तक कोई सरकारी पद ग्रहण करने और अगला चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की व्यवस्था बननी चाहिए।;

Update: 2020-07-19 05:40 GMT

नई दिल्ली। राजस्थान में चल रहा सियासी घमासान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। यहां राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ सचिन पायलट और उनके विधायकों के बागी होने से यह एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। वहीं इस मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि बगावत करने वाले जन प्रतिनिधियों के पांच साल तक कोई सरकारी पद ग्रहण करने और अगला चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की व्यवस्था बननी चाहिए। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।

सिब्बल की यह टिप्पणी उस वक्त आई है जब राजस्थान में सचिन पायलट और कई अन्य विधायकों के बागी होने के बाद सियासी उठापठक चल रही है। राजस्थान के राजनीतिक संकट से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोई कानून इस बगावत को नहीं रोक सकता। यह बहुत गलत बात है। उन्होंने कहा कि इसका सिर्फ एक ही समाधान है कि अगर कोई बगावत करे तो वह अगले पांच साल तक कोई सरकारी पद नहीं ग्रहण कर सके और अगला चुनाव भी नहीं लड़ सके। कोलेजियम सिस्टम पर सिब्बल ने कहा कि न्यायाधीश भी इंसान होते हैं और वे भी निजी पसंद एवं नापसंद में पड़ जाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकर को भी शक्ति दे दी जाए तो वो इसका दुरुपयोग करेगी।

कांग्रेस नेता कपिल सिब्ब्ल ने आस्था से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रखी और कहा कि उच्चतम न्यायालय को सबरीमला मंदिर के मामले पर विचार नहीं करना चाहिए था। 

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