Rajasthan Crisis: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से किया इनकार, अब सोमवार को होगी अगली सुनवाई

राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट के बीच शह-मात का दौर जारी है। मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। गुरुवार को जारी लंबी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता कार्यवाही को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।;

Update: 2020-07-23 09:03 GMT

नई दिल्ली। राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट के बीच शह-मात का दौर जारी है। मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। गुरुवार को जारी लंबी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता कार्यवाही को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस के खिलाफ याचिका पर आदेश पारित कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट अपना फैसला सुना सकता है।

वहीं सी. पी. जोशी ने उच्चतम न्यायालय से कहा था कि हाईकोर्ट को कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक रोकने का कोई अधिकार नहीं है। इस मामले में अब अगली सुनवाई सोमवार को होगी। दरअसल, हाईकोर्ट ने स्पीकर सीपी जोशी को इन विधायकों के खिलाफ 24 जुलाई तक कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा है। जोशी ने इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती है। सुनवाई के दौरान स्पीकर के वकील कपिल सिब्बल ने कहा है कि इस स्टेज पर प्रोटेक्टिव ऑर्डर नहीं दिया जा सकता। हाईकोर्ट ने नोटिस का जवाब देने के लिए समय बढ़ा दिया और कहा कि कोई कार्रवाई नहीं की जाए, यह प्रोटेक्टिव ऑर्डर है।

सिब्बल ने दिया तर्क

सिब्बल ने कहा कि कोर्ट तब तक कोई दखल नहीं दे सकता, जब तक कि विधायकों को अयोग्य नहीं ठहरा दिया जाए। सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का रेफरेंस देते हुए कहा कि हाईकोर्ट स्पीकर को ये आदेश नहीं दे सकता है कि विधायकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करें। स्पीकर अगर विधायकों को अयोग्य ठहराने का प्रोसेस शुरू करें तो कोर्ट दखल नहीं दे सकता। जस्टिस अरुण मिश्र समेत तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की।

सी. पी. जोशी बोले- विधानसभा अध्यक्ष को कार्यवाही का हक

जोशी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि संविधान और सुप्रीम कोर्ट ने जिम्मेदारियां तय की हैं। स्पीकर होने के नाते मैंने कांग्रेस के 19 विधायकों को कारण बताओ नोटिस दिया था। अगर अथॉरिटी कारण बताओ नोटिस जारी नहीं करेगी तो उसका काम क्या होगा?

मंगलवार को भी हुई थी सुनवाई

दरअसल, मंगलवार को इन विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिस मामले में हाईकोर्ट ने लगातार दूसरे दिन सुनवाई की थी। बहस पूरी होने के बाद 24 जुलाई तक फैसला सुरक्षित रख लिया। तब तक स्पीकर इन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के आदेश दिए गए। इसके खिलाफ स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

जानिए पूरा मामला

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते पार्टी ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक को लेकर व्हिप जारी किया था। पायलट और 19 विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए। इसके बाद स्पीकर ने इन्हें दल-बदल कानून के तहत इन्हें अयोग्य ठहराने का नोटिस जारी किया। पायलट खेमे ने इसके बाद नोटिस को राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी। उनका कहना है कि व्हिप विधानसभा सत्र के दौरान लागू होता है ना कि पार्टी बैठक के लिए।  

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