Agra Burqa Kidnapping का सच हैरान करने वाला, दिल्ली में बरामद किशोरी से 'डर्टी प्लान' का खुलासा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आगरा की 16 वर्षीय किशोरी 23 फरवरी को बुआ के साथ एक अस्पताल में दवा लेने गई थी, जहां से वो संदिग्ध हालात में लापता हो गई। लड़की के परिजनों ने अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दिए युवक की पहचान मेरठ निवासी मेहताब राणा के रूप में की, लेकिन लड़की की बरामदगी के बाद पूरा मामला पलट गया है। क्या है आगरा के बुर्का अपहरण की हकीकत, इस रिपोर्ट में पढ़िये...;
उत्तर प्रदेश के आगरा से बुर्का पहनाकर अगवा की गई नाबालिग युवती को यूपी पुलिस ने दिल्ली के तिलकनगर स्थित एक पेइंग गेस्ट (PG) से बरामद कर लिया। मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि दूसरा अभी फरार है। प्राथमिक जांच के बाद इस कथित अपहरण मामले का जो सच सामने आया है, उसने सबको चौंका दिया है। जांच में पता चला है कि यह पूरा प्लान युवती के कथित पूर्व प्रेमी को फंसाने के लिए बनाया गया था। पुलिस युवती के मजिस्ट्रेट बयान पर विधिक सलाह लेगी ताकि उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सके।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आगरा की 16 वर्षीय किशोरी 23 फरवरी को बुआ के साथ एक अस्पताल में दवा लेने गई थी, जहां से वो संदिग्ध हालात में लापता हो गई। पुलिस ने जब अस्पताल में लगे सीसीटीवी की जांच की तो लाल रंग का पठानी कुर्ता और सिर पर काले रंग की टोपी पहने एक युवक किशोरी को बुर्का में बाहर ले जाते नजर आया। पुलिस ने जब परिजनों को यह सीसीटीवी फुटेज दिखाई तो उन्होंने उक्त युवक की पहचान मेरठ निवासी मेहताब राणा के रूप में की।
परिजनों ने बताया कि मेहताब 2018 में भी उनकी बच्ची को अगवा कर चुका है और जेल जा चुका है। उसने बदला लेने के लिए दोबारा उनकी बेटी को कोई नशीला पदार्थ खिलाकर अगवा कर लिया। यह सुनते ही पुलिस ने तुरंत मामले की जांच तेज कर दी। पुलिस ने सबसे पहले मेहताब राणा के घर पर दबिश दी। उसकी तीन रिश्तेदारों को भी हिरासत में लिया। लेकिन इस बीच कुछ ऐसी जानकारियां सामने आईं, जिससे पुलिस को अंदेशा हुआ कि कोई उन्हें भटकाने की कोशिश कर रहा है। पुलिस ने जब दोबारा से अस्पताल का रूख किया तो सारी कड़ियां खुलती चली गईं।
पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि बुर्का पहने नाबालिग किशोरी ऑटो में बैठकर निकली थी। जब ऑटो चालक को तलाशा गया तो उसने बताया कि उसने उन्हें भगवान टॉकीज के पास उतारा था, जहां से वो एक कार में बैठकर आगे गए थे। पुलिस ने कार चालक को भी ढूंढ निकाला, जिससे पता चला कि नाबालिग किशोरी को उसने दिल्ली के तिलकनगर एरिया में छोड़ा था। पुलिस ने तिलकनगर के सभी पेइंग गेस्ट और होटल खंगाले तो एक पेइंग गेस्ट से नाबालिग किशोरी को बरामद कर लिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह सारा प्लान मेहताब राणा से बदला लेने के लिए तैयार किया गया था। प्लान दिव्यांशु ने तैयार किया था, जबकि इसे सिरे चढ़ाने में उसके दोस्त रिकू ने मदद की थी। सीसीटीवी में जो युवक बुर्का पहनी किशोरी के साथ नजर आ रहा है, वो रिकू ही है। जांच में पता चला कि दिव्यांशु एक साल पहले इस किशोरी से मिला था। दोनों के बीच रोजाना बात होती थी। इस दौरान जब दिव्यांशु को पता चला कि मेहताब ने किशोरी का शारीरिक शोषण किया है तो वह उससे बदला लेने की साजिश रचने लगा।
रिंकु को पठानी कुर्ता पायजामा और सिर पर टोपी पहनाने के पीछे का कारण यही था ताकि देखने पर लगे कि किसी धर्म समुदाय के युवक ने किशोरी का अपहरण किया है। चूंकि मेहताब राणा पहले भी अपहरण मामले में जेल जा चुका है, लिहाजा उस पर ही सबसे पहले शक जाएगा। आरोपियों ने जैसा सोचा था, वैसा ही हुआ भी, लेकिन पुलिस को जांच की दिशा में कुछ कदम आगे बढ़ाते हुए अहसास हो गया था कि उन्हें गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। बहरहाल, पुलिस ने दिव्यांशु को साइबर फ्रॉड के मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपी रिंकू अभी फरार है। पुलिस किशोरी के मजिस्ट्रेट बयान पर विधिक सलाह लेने के बाद आगे की कार्रवाई करेगी।
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