Population Control Law: अखिलेश यादव ने जनसंख्या नियंत्रण कानून पर उठाए सवाल, कहा- अराजकता आबादी से नहीं होती
बसपा सु्प्रीमो मायावती भी जनसंख्या नियंत्रण कानून पर सवाल उठा चुकी हैं। अब अखिलेश यादव ने भी जनसंख्या नियंत्रण कानून पर सवाल उठाए हैं। पढ़िये रिपोर्ट...;
विश्व के तमाम देशों की तरह भारत में भी जनसंख्या का भार बढ़ता जा रहा है। इसे गंभीर चुनौती करार देकर तमाम देश इस पर नकेल कसने की कोशिशों में जुटे हैं। खास बात है कि भारत में भी जनसंख्या नियंत्रण कानून पर बहस चल रही है। हालांकि इस बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ऐसा बयान दे दिया है, जिससे जनसंख्या नियंत्रण कानून पर सवाल उठ गया है।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज ट्वीट में लिखा, 'अराजकता आबादी से नहीं, लोकतांत्रिक मूल्यों की बरबादी से उपजती है।' अखिलेश का यह ट्वीट बीजेपी सरकार पर सीधा प्रहार है। उनके ट्वीट का अर्थ उन आरोपों की पुष्टि करता दिखाई देता है, जो कि संविधान को नुकसान पहुंचाने के लिए विपक्ष बीजेपी को जिम्मेदार ठहराती है।
हालांकि प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इस कानून की अहमियत समझाई है। उन्होंने एएनआई से बातचीत में कहा कि भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जहां की आबादी घट रही है। जनसंख्या नियंत्रण कानून पेश करना ही इस चुनौती का समाधान निकालना नहीं है बल्कि कुछ मुद्दे हैं, जिसके लिए जनता को जागरुकता फैलाना बेहद जरूरी है।
बता दें कि बसपा सु्प्रीमो मायावती भी जनसंख्या नियंत्रण कानून पर सवाल उठा चुकी हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के लिए लाया जा रहा नया विधेयक, इसके गुण-दोष से अधिक इस राष्ट्रीय चिन्ता के प्रति गंभीरता व इसे लाए जाने के समय को लेकर सरकार की नीति व नीयत दोनों पर शक व सवाल खड़े कर रहा है। लोगों को इसमें गंभीरता कम व चुनावी स्वार्थ ज्यादा लग रहा है।'
उन्होंने आगे कहा था कि अगर जनसंख्या नियंत्रण को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार थोड़ी भी गंभीर होती तो यह काम सरकार को तब ही शुरू कर देना चाहिये था। प्रदेश व देश की जनसंख्या को जागरूक, शिक्षित व रोजगार-युक्त बनाकर उसे देश की शक्ति व सम्मान में बदलने में विफलता के कारण भाजपा अब कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार की तरह ही जोर-जबर्दस्ती व अधिकतर परिवारों को दंडित करके जनसंख्या पर नियंत्रण करना चाहती है, जो जनता की नजर में घोर अनुचित है।