Uniform Civil Code: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक संहिता पर दी चेतावनी, कहा- मुसलमान इसे मंजूर नहीं करेंगे
देश में यूसीसी लागू करने के लिए कई राज्यों में मांगें उठ रही हैं। ऐसे में ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ बोर्ड ने इसे लेकर पत्र जारी किया है। एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने इस पत्र में केंद्र सरकार को चेतावनी भी दी है। पढ़िये पूरी रिपोर्ट...;
AIMPLB Reaction on Uniform Civil Code: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने पर बड़ी चेतावनी दी है। बोर्ड का कहना है कि अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होता है तो यह पूरी तरह असंवैधानिक (Unconstitutional) होगा। बोर्ड ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि मुसलमान भी इसे कतई मंजूर नहीं करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में यूसीसी लागू करने के लिए कई राज्यों में मांगें उठ रही हैं। ऐसे में ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ बोर्ड ने इसे लेकर पत्र जारी किया है। एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने इस पत्र में केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह UCC पर कोई भी कदम उठाने से परहेज करे।
रहमानी ने कहा कि भारत के संविधान ने देश के प्रत्येक नागरिक को उसके धर्म के अनुसार जीवन व्यतीत करने की अनुमति दी है और इसे मौलिक अधिकारों में शामिल किया है। इसी अधिकारों के अंतर्गत अल्पसंख्यकों और आदिवासी वर्गों के लिए उनकी इच्छा और परंपराओं के अनुसार अलग पर्सनल लॉ रखे गए हैं, जिससे देश को कोई क्षति नहीं होती है।
उन्होंने कहा कि अतीत में अनेक आदिवासी विद्रोहों को समाप्त करने के लिए उनकी इस मांग को पूरा किया गया है कि वे सामाजिक जीवन में अपनी मान्याताओं और परंपराओं का पालन कर सकेंगे। रहमानी ने कहा है कि अब उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश या केंद्र सरकार की ओर से समान नागरिक संहिता का राग का अलापना असामयिक बयानबाजी के अतिरिक्त कुछ नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति जानता है कि इसका उद्देश्य बढ़ती महंगाई, गिरती अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाना और घृणा के एजेंडे को बढ़ावा देना ही उनका उद्देश्य है।
उन्होंने समान नागरिक संहिता लागू करने पर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यह अल्पसंख्यक और संविधान विरोधी कदम है और मुसलमानों के लिए यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इसकी कड़ी निंदा करता है और सरकार से अपील है कि वह ऐसे कार्यों से परहेज करें।
बता दें कि उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने असेंबली चुनाव से पहले वादा किया था कि इलेक्शन के बाद राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाएगा। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। उन्होंने यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करने का भी आदेश दिया है। उधर, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी यूपी में समान नागरिक संहित लागू करने का संकेत दिया था।