Guddu muslim के सेकंड गुरु परवेज के ISI से सीधे संपर्क, जानिये बमबाज गुड्डू मुस्लिम अब तक पुलिस गिरफ्त से क्यों दूर

उमेश पाल की हत्या के बाद से ही बमबाज गुड्डू मुस्लिम फरार चल रहा है। गुड्डू मुस्लिम का पहला गुरु श्रीप्रकाश शुक्ला था और उसके बाद वो परवेज का शार्गिद बन गया। परवेज का शार्गिद बनते ही वो पाक की आईएसआई एजेंसी के कॉन्टेक्ट से जुड़ गया। पढ़िये बमबाज गुड्डू की आपराधिक कहानी...;

Update: 2023-04-18 07:51 GMT

उमेश पाल की हत्या के बाद से ही बमबाज गुड्डू मुस्लिम फरार चल रहा है। खास बात है कि हत्याकांड को अंजाम देने वाले कई अपराधियों का एनकाउंटर हो चुका है। पिछले दिनों अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम का एनकाउंटर कर दिया गया था। इसके एक दिन बाद अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस कस्टडी के दौरान हत्या कर दी गई। हत्या करने वाले तीनों आरोपी जेल में हैं। हालांकि उमेश पाल हत्याकांड का आरोपी गुड्डू मुस्लिम अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है। माना जा रहा है कि उसके कई बड़े लोगों से लिंक है। कई मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बताया जा रहा है कि गुड्डू मुस्लिम के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी लिंक थे। आइये बताते हैं, उसकी आपराधिक कहानी...  

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुड्डू मुस्लिम ने महज़ 15 साल की उम्र में ही छोटी-मोटी चोरियों से अपराध की दुनिया में कदम रखा। गुड्डू की मुलाकात पूर्वी उत्तर प्रदेश पूर्वांचल के दो बाहुबलियों से हुई, जिनका नाम था बाहुबली अभय सिंह और धनंजय सिंह। गुड्डू मुस्लिम ने एक टीचर की हत्या कर दी थी, जिसके बाद उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन कोर्ट में आरोप साबित ना हो पाने की वजह से वह बरी हो गया था।

इसके बाद उसकी मुलाकात यूपी के माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला से हुई। गुड्डू मुस्लिम उसे अपना गुरु मानता था। जब श्रीप्रकाश शुक्ल का एनकाउंटर हुआ, तो वह परवेज टांडा के साथ काम करने लगा। परवेज टांडा के लिंक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ थे। परवेज टांडा पाकिस्तान के बताए हुए नक्शेकदम पर चलता था। वह भारत में कई गैरकानूनी गतिविधियों में भी संलिप्त रहता था। परवेज ने भारत में जाली नोटों की भी तस्करी की। परवेज को ऐसे शख्स की भी तलाश थी, जो बम बनाने में माहिर हो। गुड्डू बम बनाने में माहिर था। वो सड़क पर चलते-चलते बम बना देता है। दोनों की जोड़ी ने कई बड़े वारदातें कीं।  

अतीक अहमद से कब जुड़ा गुड्डू मुस्लिम

गुड्डू मुस्लिम पर साल 2001 में बहुत सारे मामले दर्ज हो चुके थे। यूपी की पुलिस गुड्डू मुस्लिम की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही थी। इसके बाद उसे पटना से गिरफ्तार कर लिया गया था। जब पुलिस ने गुड्डू मुस्लिम को गिरफ्तार कर लिया तो अतीक अहमद ने उसे जेल से रिहा कराने में मदद की थी। रिहा होने के बाद गुड्डू ने अतीक अहमद के लिए काम करना शुरू कर दिया। उसे अतीक अहमद का दाहिना हाथ माना जाता था। गुड्डू मुस्लिम ने अतीक अहमद के इशारे पर बड़ी-बड़ी वारदातें कीं और गैंग भी संभाला। उमेश पाल की हत्या में भी गुड्डू ने उस पर बम बरसाए थे।

गुड्डू मुस्लिम का नाम आते ही दाग दी गईं गोलियां

अतीक अहमद और अशरफ को बीते शनिवार की रात को पुलिस हिरासत के दौरान गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। दोनों मीडिया से बात कर रहे थे। मीडिया ने सवाल पूछा कि आप असद के जनाजे में क्यों नहीं गए। जवाब में अतीक ने कहा कि नहीं ले गए तो नहीं गए। इसके बाद अशरफ ने गुड्डु मुस्लिम के नाम का जिक्र किया, लेकिन इससे पहले की वो अपनी बात पूरी कर पाता, हमलावरों ने सीधे फायरिंग शुरू कर दी। पहली गोली अतीक की कनपटी पर लगी और दूसरी गोली सीने काे पार करते हुए निकल गई। बाकी हमलावरों ने अशरफ पर भी ताबड़तोड़ फायरिंग कर उसे मौत के घाट उतार दिया। तीनों आरोपी अब जेल में हैं, लेकिन उमेश पाल हत्याकांड का आरोपी गुड्डू मुस्लिम अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है। 

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