बलिया कांड: आरोपी के बचाव में उतरे बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह, कहा धीरेंद्र ने चलाई होती गोली तो उसके दर्जनों रिश्तेदार मारे जाते, जानें पूरा मामला
बलिया कांड: घटना के बाद से ही मुख्य आरोपी फरार चल रहा है। इस बीच मुख्य आरोपी के करीबी माने जाने वाले बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह का कहना है कि घटना में घायल हुई महिलाओं पर कोई जिक्र नहीं कर रहा है।;
बलिया कांड: बीजेपी नेता की गोलीबारी के बाद यह घटना सियासी मुद्दा का रूप ले लिया। जहां एक ओर इस घटना में हुई व्यक्ति की मौत के बाद सरकार के निर्देश के तहत एसडीएम, सीओ को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, दूसरी ओर बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह मुख्य आरोपी के बचाव में उतरे हैं।
बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह मुख्य आरोपी के करीबी बताया जा रहा है। सुरेंद्र सिंह, बलिया के भाजपा विधायक है। बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह का कहना है कि घटना बहुत परेशान करने वाली है, यह नहीं होनी चाहिए थी लेकिन मैं प्रशासन की एकतरफा जांच की निंदा करता हूं।
इस घटना में एक व्यक्ति की मौत के अलावा छह महिला बुरी तरह से जख्मी हो गई है, लेकिन इसके दर्द का जिक्र करने वाला कोई नहीं है। महिलाओ पर लाठी, लोहे की छड़ से हमला किया गया। पुलिस को गलत काम करने वालों के साथ-साथ महिला पर हुए हमले की भी जांच करनी चाहिए।
साथ ही पुलिस को अन्य समूहों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए और जो भी दोषी पाए, उसके खिलाफ कानून के तहत सजा मिलनी चाहिए। बीजेपी विधायक का कहना है कि धीरेंद्र सिंह ने आत्मरक्षा में फायर किया। अगर उसने गोली नहीं चलाई होती तो उसके दर्जनों रिश्तेदार मारे जाते।
बता दें कि ये वहीं बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह जिन्होंने हाथरस कांड पर कहा था कि अगर माता-पिता अपने बच्चों को सही संस्कार सिखाया जाए तो रेप की घटनाएं नहीं होगी।
क्या हैं पूरा मामला
गौरतलब है कि कोटे की दुकान को लेकर दो गुटों के बीच झगड़ा चल रहा था। इस दौरान एसडीएम साहब ने कहा कि यहां के रहने वाले लोग ही यहां मौजूद रहेंगे, ताकि हम उनसे प्रमाण प्रूफ ले सकेंगे। अगर कोई यहां से बाहर जाता है तो उसको लाइन से बाहर निकाल देंगे।
एसडीएम के प्रमाण पत्र मांगने पर कुछ लोग नाराज हो गए। जिसके चलते एसडीएम और कुछ लोगों में बहस शुरू हो गई। इसी बीच लोग भागना शुरू कर दिए। तभी धीरेंद्र प्रताप सिंह के कुछ लोग ईंट पत्थर और गोली चलाने लगे। इसी दौरान धीरेन्द्र प्रताप ने हमारे भाई को गोली मार दिया।
मृतक के भाई जयप्रकाश पाल का आरोप है कि वहां कुल 12 पुलिस मौजूद थे, जिसमें 2 महिला पुलिस भी शामिल थी।