बरेली विधायक ने DIG से की मांग, कहा टॉप 10 कुख्यात आरोपी की तरह पुलिसकर्मियों की भी लिस्ट का हो खुलासा

उत्तर प्रदेश के बरेली से विधायक ने डीआईजी को एक लेटर लिखकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल कुछ पुलिसवालों पर निशाना साधा है। उन्होंने लेटर में कहा कि जिस तरह से टॉप 10 कुख्यात आरोपियों का खुलासा किया गया है, ठीक उसी तरह टॉप 10 में शामिल कुख्यात पुलिसकर्मियों का भी खुलासा हो।;

Update: 2020-07-23 07:27 GMT

उत्तर प्रदेश के कानपुर हत्याकांड में शामिल करीब-करीब सभी आरोपियों को एनकाउंटर में मार गिराया। हालांकि इस हत्याकांड में शामिल कुछ पुलिसवालों की पोल खुलने से पहले ही सब कुछ समाप्त कर दिया गया है।

लेकिन मामला अभी भी शांत नहीं हुआ है। विपक्ष के लोग सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं कि आरोपियों के एनकाउंटर से पुलिस के आरोपों का पोल खुलने से पहले ही बंद हो गया है। इसी बीच विपक्ष के बजाय बीजेपी विधायक ने खुद अपने पुलिस वालों पर निशाना साधा है।

बीजेपी विधायक ने अपने ही पुलिसवालों पर उठाया सवाल

अक्सर अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले बरेली के बिथरी चैनपुर से ठहरे बीजेपी विधायक राजेश कुमार मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने इस मामले में डीआईजी को एक लेटर लिखा है। इस लेटर में कहा कि जिस तरह से टॉप टेन कुख्यात अपराधियों का पोल खोला गया है, ठीक उसी तरह टॉप 10 कुख्यात पुलिसकर्मियों के भी लिस्टों का खुलासा किया जाए।

इतना ही नहीं,उन्होंने आगे लिखा कि टॉप टेन की सूची उन लोगों के लिए भी बनाई जानी चाहिए जो भ्रष्टाचार कर रहे हैं, तस्करी कर रहे हैं, सट्टे और जुए के अड्डे चला रहे हैं, बरेली जिले में वेश्यावृत्ति कर रहे हैं।

इससे अपराधियों के साथ-साथ पुलिसकर्मियों के भी आरोपों का भंडाफोड़ हो सकेगा। पुलिस की इस हरकत से सरकार की छवि खराब हो रही है। इसलिए आरोपियों के रंजिश में शामिल पुलिसकर्मियों का खुलासा किया जाए। 

कुख्यात पुलिसकर्मियों का लिस्ट सामाचार पत्रों में प्रकाशित करवाया जाए 

विधायक ने अपने पत्र में डीआईजी राजेश पाण्डेय के कार्यों की तारीफ की और उन्होंने कहा कि टॉप 10 कुख्यात पुलिसकर्मी की वजह से अन्य पुलिसकर्मियों की छवि खराब हो रही है। इसके साथ ही सरकार भी छवि खराब हो रही है।

इसलिए सभी थानों के टॉप 10 कुख्यात पुलिसकर्मियों की सूची जारी की कर सभी के नामों का समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाया जाए। इसके बाद सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। बता दें कि विकास दुबे के एनकाउंटर होने के बाद से यूपी पुलिस के आरोपों की छुपन-छुपाई से लोगों के मन में कई तरह के सवाल खड़े कर दिए थे।

इसके बाद पुलिस विभाग के अंदर आरोपों में शामिल रहने वाले सभी लोगों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है। 

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