Bijnor Mahapanchayat : किसान नेताओं की मोदी सरकार को चेतावनी, कहा- अब हालात बिगड़े तो संभाल नहीं पाओगे
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़की हिंसा के बाद किसान आंदोलन खत्म होने की कगार पर पहुंच गया था, लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत की आंखों में आंसू वाली तस्वीरों के सामने आते ही आंदोलन ने दोबारा से जोर पकड़ लिया। खासकर यूपी में इसके बाद से ही महापंचायतों का दौर शुरू हो गया है। बिजनौर से पहले मुजफ्फरनगर और बागपत में भी महापंचायत हो चुकी है, जिसमें हजारों की संख्या में किसान पहुंचे थे।;
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की ओर से कृषि कानूनों के खिलाफ आज बिजनौर में किसानों की महापंचायत हो रही है। किसान नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार को चेतावनी दी है कि इस बार हालात बिगड़े तो संभाल नहीं पाओगे। महापंचायत में भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत की गैरमौजूदगी में भकियू युवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत पहुंचे हैं। रविवार को बागपत में हुई महापंचायत की तरह इस महापंचायत में भी भारी संख्या में भीड़ उमड़ी है। मौके पर पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त के साथ भारी पुलिस बल तैनात है।
भाकियू के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, जिन किसानों ने लॉकडाउन के पूरे साल देश की अर्थव्यवस्था को आपने कंधे पर उठाए रखा, आज उस किसान पर लाठी और पत्थर चलाए जा रहे हैं। देश का 'अर्थ' बचाने वाले किसान के साथ 'अनर्थ' करके देश का अनर्थ किया जा रहा है। उन्होंने रैली स्थल का का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'बिजनौर महापंचायत... अभी भी संभल जाओ, नहीं तो संभलने लायक नहीं बचोगे।'
इससे पूर्व बागपत में हुई महापंचायत में भी किसान नेताओं ने केंद्र सरकार को चुनौती दी थी कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते, तब तक किसान मानने वाले नहीं हैं। नरेश टिकैत ने कहा, 'इब के इन्होंने गलत जगह हाथ गेर दिया। मांगे माने बिना हम मानने वाले नहीं। लाठी-गोली कुछ भी चला लो, हम सीने पे गोली खाएंगे, पीठ दिखा के जाने वाले नहीं। इब यो किसान परिवार एकजुट हो लिया।'
यूपी के किसान गुस्से में
दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़की हिंसा के लिए माफी मांगने वाले किसान नेता युद्धवीर सिंह ने भी सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, 'बिजनौर महापंचायत की तस्वीर बता रही है कि उत्तर प्रदेश का किसान बेहद गुस्से में है। सरकार के लिए अच्छा रहेगा कि अभी बात संभाल ले क्योंकिआगे तो बात इतनी आगे निकल चुकी होगी कि कोई नहीं संभाल पाएगा।' किसान एकता मोर्चा का ट्विटर अकाउंट बंद होने से भी किसान नेता खासा गुस्से में हैं।
पार्टी नेताओं को नहीं मिली मंच पर जगह
किसान महापंचायत में सोमवार सुबह से ही किसानों के पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया। दोपहर दो बजे तक मैदान लगभग भर चुका था। कई राजनीतिक दलों के नेता भी महापंचायत में पहुंचे, लेकिन किसी को भी मंच पर जगह नहीं दी गई। इसके बाद ये नेता मंच के सामने ही नीचे जमीन पर बैठ गए।