सीएम योगी ने 1.57 लाख ग्रामीणों को सौपें 'स्वामित्व दस्तावेज', भूमाफियाओं पर ऐसे कसेगी नकेल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 11 अक्टूबर को स्वामित्व योजना का वर्चुअली शुभारंभ किया था। उस वक्त यूपी के 37 जिलों के 346 गांवों के 41,431 लोगों को संपत्ति कार्ड सौंपा गया था।;
उत्तर प्रदेश: लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वामित्व योजना के अंतर्गत 11 जनपदों के 1,001 ग्रामों के 1,57,244 लाभार्थियों को ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) का ऑनलाइन वितरण किया।
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित सरकारी आवास से आज 11 जिलों के डेढ़ लाख से अधिक ग्रामीणों को ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) का ऑनलाइन वितरण किया। केंद्र की स्वामित्व योजना के तहत आवासीय संपत्ति पर मालिकाना हक देने से संबंधित इस अभिलेख में संपत्ति का पूरा ब्योरा दर्ज होगा, जिससे संपत्ति पर अवैध कब्जे जैसी गुंजाइश नहीं रहेगी। 11 जिलों के 1001 गांवों के कुल 1,57,244 ग्रामीणों को घरौनी का ऑनलाइन वितरण किया गया।
इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, हर व्यक्ति इस योजना का लाभ उठा पाएगा। हमें तकनीक के महत्व को समझना होगा। ग्रामीण क्षेत्र में गरीबों को इस योजना का लाभ उपलब्ध हो रहा है। यह नई क्रांति है जो गरीबों और किसानों का हक देने के लिए भारत सरकार के स्तर पर किए गए प्रयासों का परिणाम है। '
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 11 अक्टूबर को स्वामित्व योजना का वर्चुअली शुभारंभ किया था। उस वक्त यूपी के 37 जिलों के 346 गांवों के 41,431 लोगों को संपत्ति कार्ड सौंपा गया था। योजना के तहत चार साल में छह लाख से अधिक गांवों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र सरकार का दावा है कि यह योजना ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बेहद मदद करेगी। अगर किसी संपत्ति पर विवाद होता है तो सारा रिकॉर्ड डिजीटली रिकॉर्ड होने की वजह से उसका जल्द समाधान संभव होगा।
घरौनी में संपत्ति मालिक के जिला, तहसील, ब्लॉक, थाना और ग्राम पंचायत का नाम दर्ज रहेगा। भूखंड संख्या के साथ ही प्रत्येक भूखंड का 13 अंकों का यूनिक आईडी नंबर भी दर्ज रहेगा। इसमें यह भी दर्शाया जाएगा कि संपत्ति का वर्गीकरण किस तरह का है। संपत्ति की लंबाई, चौड़ाई समेत तमाम जानकारियां इसमें दर्ज रहेंगी। ग्रामीण आवासीय अभिलेख के बाद संपत्ति पर अवैध कब्जे होने जैसी घटनाओं पर विराम लग जाएगा।