यूपी की बांदा जेल में बंद गैंगस्टर मुख्तार अंसारी ने दी कोरोना को मात, जानिये अभी भी क्यों बना जान काे खतरा
मुख्तार अंसारी को 25 अप्रैल को कोरोना पॉजीटिव पाया गया था। इसके बाद जेल में ही उसके इलाज की व्यवस्था की गई थी।;
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी ने कोरोना को मात दे दी है। करीब 17 दिन संक्रमण से जूझने के बाद उसकी कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। हालांकि जेल प्रशासन अभी भी उस पर गहन निगरानी रख रहा है ताकि उसकी जिंदगी को किसी तरह का खतरा न हो पाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्तार अंसारी हमेशा खुद को गंभीर बीमारियां होने का हवाला देते हुए राहत मांगता आया है, लेकिन बीते 22 अप्रैल से उसकी तबीयत बिगड़ने लगी थी। इस पर उसकी कोरोना जांच कराई गई। 25 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई तो पता चला कि यूपी का यह बाहुबली कोरोना की चपेट में आ गया है।
इसके बाद अस्पताल में उसके लिए चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई गई। चिकित्सीय जांच में सब कुछ सामान्य रहता, लेकिन ब्लड शुगर लेवल बढ़ा रहने से जेल प्रशासन को चिंता बनी रहती। उस पर 24 घंटे चिकित्सकीय निगरानी रखी जा रही थी। बेहतर इलाज की वजह से मुख्तार अंसारी कोरोना संक्रमण से उबर गया है। कल उसकी कोरोना जांच रिपोर्ट आई, जिसमें पुष्टि की गई कि अब वो कोरोना संक्रमित नहीं है।
इसलिए है जान को खतरा
मुख्तार अंसारी और उसके परिजन कई बार आरोप लगा चुके हैं कि जेल में उसकी जान को खतरा है। दरअसल जेल में कई कुख्यात अपराधी बंद हैं, जिसके चलते अंसारी के परिजन उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इन आरोपों के मद्देनजर ही मुख्तार अंसारी की सुरक्षा में अतिरिक्त जवान लगाए गए हैं।
बता दें कि मुख्तार अंसारी को छह अप्रैल को पंजाब की रोपड़ जेल से लेकर यूपी पुलिस निकली थी और सात अप्रैल को बुधवार सुबह बांदा जेल पहुंच गई थी। अंसारी कई बार अदालत के समक्ष दावा कर चुका है कि उसे गंभीर बीमारियां हैं। पंजाब सरकार भी उसकी इस दलील का हवाला देते हुए उसकी यूपी भेजने में अड़चन डालती रही थी। हालांकि मोहाली कोर्ट ने उसकी इस दलील को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उसे यूपी लाना संभव हो पाया था।