गोरखपुर में डेढ़ साल के कोरोना पॉजीटिव मासूम ने मम्मी-पापा को दी मुखाग्नि, 17 लाख रुपये भी लौटा नहीं सके खुशियां

शाहपुर क्षेत्र के शताब्दीपुरम कॉलोनी निवासी 37 वर्षीय अजय जायसवाल और उनकी पत्नी 35 वर्षीय अंशिका जायसवाल अपनी छह वर्षीय बेटी गुनगुन और डेढ़ वर्षीय बेटे आनंद के साथ रह रहे थे। करीब एक सप्ताह पहले इस दंपति को पता चला कि उन्हें कोरोना हो गया है। बच्चों की जांच कराई तो वे भी कोरोना संक्रमित निकले।;

Update: 2021-04-26 12:53 GMT

देश में कोरोना की दूसरी लहर कई परिवारों पर कहर बनकर टूट रही है। ऐसा ही एक मामला गोरखपुर से सामने आया है, जहां इस महामारी ने दो मासूमों से उनके मम्मी-पापा को हमेशा के लिए छीन लिया। दोनों के इलाज पर 17 लाख रुपये खर्च कर दिए गए, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। डेढ़ साल के मासूम ने जब अपने मम्मी-पापा को मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद हर शख्स रो पड़ा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शाहपुर क्षेत्र के शताब्दीपुरम कॉलोनी निवासी 37 वर्षीय अजय जायसवाल और उनकी पत्नी 35 वर्षीय अंशिका जायसवाल अपनी छह वर्षीय बेटी गुनगुन और डेढ़ वर्षीय बेटे आनंद के साथ रह रहे थे। करीब एक सप्ताह पहले इस दंपति को पता चला कि उन्हें कोरोना संक्रमण हो गया है।

दोनों ने बच्चों की जांच कराई तो वे भी कोरोना पॉजीटिव मिले। बच्चों की तबीयत सामान्य थी, लिहाजा उन्हें घर पर भी आइसोलेशन में रखा गया। अजय और अंशिका स्वयं एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गए। उन्हें उम्मीद थी कि जल्द ठीक होकर अपने बच्चों के पास लौट जाएंगे।

अस्पताल में लेकिन हालत बिगड़ने लगी, जिसके बाद उन्हें 20 अप्रैल को एक बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया गया। परिजनों ने उनके इलाज में पैसों की कोई कमी नहीं आने दी। सब चाहते थे कि किसी भी तरह दोनों स्वस्थ होकर घर लौट आएं। इन उम्मीदों को उस वक्त झटका लगा, जब शुक्रवार दोपहर पहले अंशिका और इसके कुछ समय बाद अजय जायसवाल ने दम तोड़ दिया।

बच्चे भी कोरोना संक्रमित

शनिवार को डेढ़ वर्ष के बेटे आनंद ने  राजघाट पर अपने मम्मी-पापा की चिता को मुखाग्नि दी। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद कोई भी शख्स अपनी आंखों से आंसू नहीं रोक पाया। हर कोई इस महामारी को कोस रहा था, जिसने न जाने कितने परिवारों की खुशियों को लील दिया है। 

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