गोरखपुर में शिवलिंग पर मत्था टेकते ही निकले बुजुर्ग के प्राण, ये वजह आई सामने

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना गोरखपुर के नौसड़ चौक के पास स्थित हैरया गांव की है। स्थानीय निवासी 60 वर्षीय विभक्ति देवी अपने पति जमुना प्रसाद कसौधन (65) के साथ सुबह चार बजे गांव में ही बने शिव मंदिर में पूजन-अर्चन करने गईं थीं। शिवलिंग पर मत्था टेकने के साथ ही उनकी मौत हो गई। अस्पताल ले जाने पर पता चला कि...;

Update: 2021-03-12 05:38 GMT

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर (Gorakhpur) में महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर एक बुजुर्ग महिला ने जैसे ही शिवलिंग पर माथा टेका, उनके प्राण निकल गए। हैरत की बात यह है कि किसी को भी पता नहीं चला कि बुजुर्ग महिला की मौत हो चुकी है। कई बार आवाज लगाने के बाद भी नहीं उठीं तो उन्हें सहारा देकर उठाने की कोशिश की गई। शरीर में कोई हलचल न देख उनके परिजनों में चीख पुकार मच गई। बुजुर्ग महिला को तुरंत पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मृतका की उम्र 60 साल ही थी, लिहाजा सभी इस स्तब्ध हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जो पूरी तरह से ठीक ठाक नजर आ रही बुजुर्ग महिला का इस तरह से निधन हो गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना गोरखपुर के नौसड़ चौक के पास स्थित हैरया गांव की है। स्थानीय निवासी 60 वर्षीय विभक्ति देवी अपने पति जमुना प्रसाद कसौधन (65) के साथ सुबह चार बजे गांव में ही बने शिव मंदिर में पूजन-अर्चन करने गईं थीं। मंदिर पहुंचने के बाद उन्‍होंने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। इसके बाद शिवलिंग पर हाथ रखकर मत्‍था टेका।

मत्था टेकने के बाद भी जब विभक्ति देवी नहीं उठी तो उनके पति जमुना प्रसाद ने आवाज लगाई। तीन चार बार आवाज लगाने पर भी जब विभक्ति देवी नहीं उठी तो उन्होंने उसे उठाने की कोशिश की। जमुना प्रसाद ने जैसे ही अपनी पत्नी को छुआ, उनका निढाल शरीर एक ओर गिर गया। यह देख उनके पति के पांव नीचे जमीन निकल गई। उन्होंने रोते हुए अपनी पत्नी को उठाने का प्रयास किया, लेकिन शरीर में कोई हलचल नहीं हुई। इस दौरान वहां उनके परिवार के अन्य सदस्य भी पहुंच गए। चीख पुकार के बीच विभक्ति देवी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

मौत का कारण साफ नहीं

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विभक्ति देवी पूरी तरह से स्वस्थ थी। उनके पोते रमेश ने बताया कि उनकी दादी बचपन से ही पूजा पाठ में लगी रहती थीं। भगवान शिव के प्रति उनकी गहरी आस्था थी। वे खुद हैरान हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जो शिव मंदिर में उनके प्राण इस तरह से निकले। बहरहाल, मौत का वास्तविक कारण तो नहीं पता लग सका है, लेकिन महाशिवरात्रि पर विभक्ति देवी के इस तरह से हुए निधन को लोग उनकी आस्था से जोड़कर देख रहे हैं। लोगों का कहना है कि बिना किसी दर्द तकलीफ के भगवान के दर पर इस तरह से मुक्ति मिल जाए तो जीवन सफल ही है। 

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