मुलायम के बाद अखिलेश यादव के सामने आई कई चुनौतियां, पार्टी से लेकर परिवार तक कैसे संभालेंगे जिम्मेदारियां?

मुलायम सिंह यादव का निधन होने के बाद अब उनके बेटे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की कमान पूरी तरह संभालनी है। जिससे उनके सामने कई चुनौतियां खड़ी हैं।;

Update: 2022-10-12 05:58 GMT

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सियासत के धुरंधर मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। इसके बाद अब अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की कमान पूरी तरह संभालनी है। जिससे उनके सामने कई चुनौतियां खड़ी हैं। जिसे उन्हें पार करना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यादव परिवार को एकजुट रखने के अलावा अखिलेश पर सपा के राजनीतिक आधार और मुलायम के एम-वाई समीकरण (M-Y Equation) को अपने नियंत्रण में रखने की बड़ी जिम्मेदारी है।

अखिलेश के सामने कई ऐसी चुनौतियां आने वाली हैं, जिन्हें नेताजी ने बखूबी संभाला था। अब देखना होगा कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) इन जिम्मेदारियों को कैसे निभाते हैं। बता दें, अखिलेश के सामने सबसे पहली बड़ी जिम्मेदारी यह होती है कि वह परिवार को कैसे एकजुट रखते हैं। क्योंकि परिवार के एक दर्जन सदस्य राजनीति से जुड़े हैं।

कुछ के रास्ते अलग-अलग हैं, जिसकी वजह से उनके बीच तकरार और मनमुटाव हो जाता है। जब तक नेताजी थे, सभी एक ही कढ़ी में बंधे हुए थे। अब वो नहीं हैं तो सभी स्वतंत्र हैं। सबसे पहले शिवपाल यादव की बात करें तो वह अखिलेश के चाचा जरूर हैं, लेकिन अखिलेश उन्हें सियासी तौर पर साथ लेकर चलने के लिए राजी नहीं हैं, जबकि चाचा के साथ उनके पारिवारिक संबंध अच्छे हैं।

वहीं एम-वाई समीकरण को अपने साथ ले जाने की जिम्मेदारी भी अखिलेश यादव पर है। क्योंकि बसपा से लेकर एआईएमआईएम (AIMIM) और कांग्रेस तक के वोट बैंक (Vote Bank) ने इसमें सेंध लगाई है। जिससे अब अखिलेश के सामने वोट बैंक बचाने की चुनौती है। नहीं तो आने वाले चुनाव में उन्हें भुगतना पड़ सकता है।

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