यूपी में ज्यादा बच्चे होने पर नहीं मिलेंगी सरकारी सुविधाएं, स्टेट लॉ कमीशन के चेयरमैन ने दिया बड़ा बयान

यूपी राज्य विधि आयोग के चेयरमैन जस्टिस आदित्यनाथ मित्तल का कहना है कि जनसंख्या विस्फोटक चरण के करीब पहुंच गई है। इससे हॉस्पिटल, खाद्यान्न, घर और रोजगार से संबंधित अन्य मुद्दे भी पैदा हो रहे हैं।;

Update: 2021-06-20 09:44 GMT

उत्तर प्रदेश में बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण पाने के लिए राज्य विधि आयोग ने कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है। खबरों की मानें तो भविष्य में दो से ज्यादा बच्चों वाले अभिभावकों से सरकारी सुविधाओं में कटौती की जा सकती है। हालांकि इस बीच यूपी स्टेट लॉ कमीशन के चेयरमैन जस्टिस आदित्यनाथ मित्तल ने ऐसा बयान दिया है, जिससे संकेत मिल रहा है कि आने वाले समय में यूपी में केवल जनसंख्या नियंत्रण में सहयोग करने वाले लोगों को ही सरकारी सुविधाएं मिल पाएंगी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस आदित्यनाथ मित्तल ने कहा कि जनसंख्या विस्फोटक चरण के करीब पहुंच गई है। इससे हॉस्पिटल, खाद्यान्न, घर और रोजगार से संबंधित अन्य मुद्दे भी पैदा हो रहे हैं। हमारा मानना ​​है कि जनसंख्या पर नियंत्रण होना चाहिए। जनसंख्या नियंत्रण परिवार नियोजन से अलग है।

उन्होंने कहा कि हम यूपी में यह संदेश नहीं देना चाहते कि हम किसी धर्म विशेष या किसी के मानवाधिकारों के खिलाफ हैं। हम बस यह देखना चाहते हैं कि सरकारी संसाधन और सुविधाएं उन लोगों को उपलब्ध हों, जो जनसंख्या नियंत्रण में मदद और योगदान दे रहे हैं।

उधर, मीडिया चैनल की रिपोर्ट्स में कहा गया है कि राज्य विधि आयोग जनसंख्या को नियंत्रण करने के लिए कुछ बिंदुओं पर विचार कर रहा है, जिसमें दो से अधिक बच्चों वाले अभिभावकों के लिए सरकारी सुविधाओं और संसाधनों की उपलब्धता में कटौती करना भी शामिल है। राज्य विधि आयोग इस संबंध में मध्य प्रदेश, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में लागू कानूनों का अध्ययन कर रहा है। 

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