Love Jihad: यूपी में जबरन धर्मांतरण रोकने का विधेयक पास, गुस्साए विपक्ष ने यूं काटा बवाल
समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने विधेयक के खिलाफ जमकर हंगामा किया। बसपा और कांग्रेस के सदस्यों ने भी उनका साथ दिया। विपक्ष का आरोप है कि यह विधेयक समुदाय विशेष को निशाना बनाने के लिए लाया जा रहा है। विपक्ष ने विधेयक पर वोटिंग की मांग की, जिसे ठुकरा दिया गया। इसके बाद गुस्साए विपक्ष के सदस्यों ने जमकर बवाल काटा। वेल के सामने आकर विधेयक की प्रतियां फाड़ी गईं और सभापति की तरफ फेंकी गईं। और क्या कुछ हुआ, इस रिपोर्ट में पढ़िये...;
उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ विधेयक (Anti Conversion Bill) विधान परिषद से भी पास हो गया है। योगी सरकार ने समाजवादी पार्टी (SP) के भारी हंगामे के बीच उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 को विधान परिषद से पास करा लिया। जबरन धर्मांतरण (Forced Conversion) के खिलाफ कानून के तहत आरोपी को दस साल की सजा का प्रावधान है। वहीं, आरोपियों का साथ देने वालों को भी सजा तय है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अंतिम मुहर के बाद अब यह विधेयक जल्द कानून बन जाएगा।
सपा ने इस विधेयक के खिलाफ विधान परिषद में जमकर हंगामा किया। सपा सदस्यों ने वेल में आकर विधेयक की प्रतियां फाड़कर सभापति पर फेंकी। सपा सदस्यों का कहना था कि इस विधेयक में कई कमियां हैं और इसे आवश्यक संसोधन के बाद ही आगे की कार्यवाही के लिए आगे बढ़ना चाहिए। कांग्रेस (Congress)और बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने भी सपा का समर्थन किया। सपा सदस्य विधेयक पर मतदान करने की मांग पर अड़े थे, लेकिन सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने उनकी यह मांग खारिज कर दी। इसके बाद गुस्साए सपा सदस्यों ने वेल में आकर बिल की प्रतियां फाड़ी और सभापति की तरफ फेंक दी। हालांकि भारी शोरगुल के बाद भी योगी सरकार इस विधेयक को पास कराने में सफल रही।
यह थी आपत्ति
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सपा सदस्यों का आरोप था कि इस विधेयक से संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत दी गई धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्रभावित हो रहा है। कांग्रेस के दीपक सिंह ने कहा कि आइपीसी की धारा में जब पहले से प्रावधान है तो यह विधेयक क्यों लाया गया। बसपा के दिनेश चंद्रा ने कहा कि इस विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए।
सरकार की दलील
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि प्रदेश में षड्यंत्र के तहत धर्मांतरण का कार्य हो रहा था। इसी को रोकने के लिए सरकार जनहित में यह विधेयक लाई है। योगी सरकार ने उन तमाम आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि यह एक समुदाय विशेष को निशाना बनाने के लिए लाया गया विधेयक है। सदन की कार्यवाही एक मार्च तक स्थगित की गई है।