जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए मेजर मंयक विश्नोई, कल घर पहुंचेगा पार्थिव शरीर

रविवार दोपहर तक घर पहुंचेगा मेजर का पार्थिव शरीर। अप्रैल माह में आखिरी बार माता पिता से मिलने आए थे घर।;

Update: 2021-09-11 10:33 GMT

जम्मू कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में घायल हुए मेरठ के लाल (Major Mayank Vishnoi) मेजर मंयक विश्नोई इलाज के दौरान शहीद हो गये। वह 16 दिन पहले (Terrorist Attack) आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से घायल हो गये थे। जिसके बाद उनका इलाज उधमपुर के सैनिक अस्पताल में चल रहा था। शनिवार सुबह मेजर मंयक ने वीरगति प्राप्त की। परिवार में इसकी सूचना के बाद से ही मातम छाया हुआ है। उनकी मां और दो बहनों का रो रोकर बुरा हाल है।

जानकारी के अनुसार, मेरठ के कंकरखेड़ा में रिटायर्ड सूबेदार वीरेंद्र बिश्नोई अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनका 30 वर्षीय बेटा मेजर मयंक बिश्नोई जम्मू कश्मीर के शोपियां में तैनात थे। मेजर मंयक 27 अगस्त को आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान सिर में गोली लगने से घायल हो गये थे। उन्हें उधमपुर के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां मेजर मंयक का इलाज चल रहा था। शनिवार सुबह अचानक हालत बिगड़ने पर वह वीरगति को प्राप्त हुए। इसका पता लगते ही परिवार में कोहराम मच गया।

छह माह पहले अंतिम बार आये थे अपने घर

मेजर मंयक बिश्नोई छह माह पूर्व अप्रैल में ही अपने घर आये थे। यहां उस समय उनके परिवार में माता, पिता और पत्नी कोरोना संक्रमित हो गये। इस पर मयंक आते ही अपने माता पिता की सेवा में लग गये। सभी के ठीक होने पर मेजर मयंक पत्नी स्वाति के साथ हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर चले गये। यहां पर पत्नी को छोड़कर वह अपनी तैनाती यानि जम्मू कश्मीर में पहुंच गये।

कल पहुंचे मेजर का पार्थिव शरीर, मां से लेकर बहनों का बुरा हाल

दुश्मनों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए मेजर मयंक बिश्नोई की मां और दो बहनों का भाई की शहादत की खबर सुनने के बाद से ही रो रोकर बुरा हाल है। वहीं बताया जा रहा हे कि मेजर का पार्थिव शरीर रविवार दोपहर तक उनके घर मेरठ के कंकरखेड़ा पहुचेंगा। वहीं मंयक के माता पिता भी उधमपुर से मेरठ के लिए रवाना हो गये हैं।

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