लखनऊ के चिड़ियाघर में दिखाई देगी आदमघोर बाघिन, बेकसूर बाघ को मिली रिहाई, पढ़िये पूरा मामला

यह पूरा मामला लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके का है। यहां पिछले दो वर्षों के दौरान लोग बाघों के हमले से आतंकित थे। पढ़िये पूरा मामला...;

Update: 2022-07-06 12:32 GMT

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ के चिड़ियाघर (Lucknow Zoo) में बाघों के परिवार में आदमघोर बाघिन (Man Eater Tigress) भी नजर आएगी। इस बाघिन पर 21 लोगों का शिकार बनाकर उनकी जान लेने का आरोप है। खास बात है कि एक बाघ पर भी यही शक था, लेकिन उसे बेकसूर पाया गया। ऐसे में इस बेकसूर बाघ को जंगल में छोड़ दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह पूरा मामला लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके का है। यहां पिछले दो वर्षों के दौरान लोग बाघों के हमले से आतंकित थे। करीब 21 ऐसे लोग थे, जो कि बाघ के हमले से अपनी जान गंवा चुके हैं। वन्य विभाग की टीम ने जब अभियान चलाया तो एक बाघ और एक बाघिन को पिंजरे में कैद कर लिया गया।

वन्य विभाग ने दोनों की जांच की तो पाया कि लोगों की शिकार बाघ ने नहीं बल्कि बाघिन ने की है। जांच में पाया गया कि बाघिन की उम्र करीब नौ साल की होगी, जबकि बाघ की उम्र करीब पांच साल की होगी। बाघिन के पिंजरे के बाहर इंसानों को लाया गया तो वो हमला करने का प्रयास करने लगी, जबकि बाघ भी पिंजरे में कैद होने के बावजूद बेहद शांत नजर आया और लोगों को देखकर किसी प्रकार की आक्रामक प्रतिक्रिया नहीं दी।

इसके बाद वन्य विभाग ने बाघिन को दोषी पाया और बाद्य को निर्दोष करार दिया। इसके बाद फैसला हुआ कि बाघिन को लखनऊ के चिड़ियाघर में भेजा जाएगा और अंतिम सांस तक वही रहेगी। उधर, बेकसूर बाघ पर टैग लगाकर उसे दुधवा टाइगर रिजर्व के कोर जोन इलाके में छोड़ दिया गया है।

दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक का कहना है कि आदिमघर बाघिन को लखनऊ के चिड़ियाघर में भेजने का निर्णय लिया गया है। वो अंतिम जीवन वहीं पर गुजारेगी। पकड़े गए बाघ के गले पर आईडी लगाकर दुधवा टाइगर रिजर्व के कोर जोन इलाके में उसको छोड़ दिया है। वन्य विभाग की टीम छह महीने तक इस बाघ के बिहेवियर और उसके स्वास्थ्य की निगरानी करेगी। 

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