यूपी के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के अनुरोध को मिली मंजूरी, अब रखा गया ये नाम

उत्तर प्रदेश के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की अपील को केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी मिल गई है। इसके बाद इस स्टेशन का नाम बदलकर ये नाम रखा गया है।;

Update: 2020-08-18 06:21 GMT

उत्तर प्रदेश के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की अपील को आखिरकार केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी मिल गई है। इसके बाद मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस रखा गया है। योगी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से इस बात की पुष्टि की गई है।

अधिकारी ने कहा कि योगी आदित्यानाथ ने वाराणसी जिले में रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया था। इस आग्रह पर मार्च में ही यूपी सरकार को मंडुआडीह रेलवे स्टेशन (Manduadih Railway Station) का नाम बदलकर बनारस (Banaras) करने के लिए एक एनओसी जारी किया गया था।

जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूपी के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस करने की मंजूरी दे दी है। 

वाराणसी जिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र

जानकारी के लिए आपको बता दें कि पिछले साल पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा ने वाराणसी जिले के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलने को लेकर योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा था।  जिसे योगी सरकार ने इस पत्र के तहत केंद्र सरकार से अनुरोध किया था।

बता दें कि वाराणसी जिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल है। 

पहले भी बदले गए इन दो स्टेशनों के नाम

हालांकि यूपी में किसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलना यह पहला कार्य नहीं है। योगी सरकार के आने के बाद से दो स्टेशनों के नाम में बदलाव किया गया है। मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर भारतीय जनसंघ के विचारक पंडित दीन दयाल उपाध्याय रखा गया है।

जबकि दो साल पहले इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया था।

राज्य, जिला और रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की ये होती है पूरी प्रक्रिया

आपको बता दें कि यदि आप किसी जिले या रेलवे स्टेशन का नाम बदलना चाहते हैं, तो उसे केंद्र सरकार के कई विभागों और एजेंसियों जैसे कि इंटेलिजेंस ब्यूरो, डाक विभाग, भौगोलिक सर्वेक्षण और रेलवे मंत्रालय के अनुमोदन के लिए अपना अनुरोध भेजना होगा।

इन सभी विभागों से एनओसी मिलने के बाद, गृह मंत्रालय द्वारा नाम परिवर्तन को मंजूरी दी जा सकती है। इसके अलावा, राज्य के नाम को बदलने के लिए संविधान को संसद में एक साधारण बहुमत से संशोधित करने की आवश्यकता है।

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