मथुरा में होली का खुमार बरकरार, भाभियों ने देवरों के कपड़े फाड़कर बरसाए कौड़े, देखें वीडियो
बालदेव इलाके में स्थित दाऊ मंदिर परिसर में 5000 साल पुरानी परंपरा हुरंगा होली (Kapda Fad Holi) का आयोजन किया गया। श्रीकृष्ण के बड़े भाई दाऊजी (बलराम) के सान्निध्य में होने वाला हुरंगा की शुरुआत राधे-कृष्ण और बलदाऊ के जयकारों के साथ हुई।;
देश के अन्य हिस्सों में होली का त्योहार भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन कृष्ण नगरी मथुरा में अभी भी इसका खुमार छाया है। खास बात है कि कोविड 19 के बढ़ते मामलों के बावजूद लोगों के उत्साह में किसी प्रकार की कमी नहीं है। मंगलवार को यहां पर कपड़ा फाड़ होली खेली गई। हरियारिनों ने हरियारों के कपड़े फाड़कर उन पर जमकर कौड़े बरसाए। इस दौरान हवा में चारों ओर अबीर-गुलाल उड़ता रहा।
मथुरा के बालदेव इलाके में स्थित दाऊ मंदिर परिसर में 5000 साल पुरानी परंपरा हुरंगा होली (Kapda Fad Holi) का आयोजन किया गया। श्रीकृष्ण के बड़े भाई दाऊजी (बलराम) के सान्निध्य में होने वाला हुरंगा की शुरुआत राधे-कृष्ण और बलदाऊ के जयकारों के साथ हुई।
ब्रज के राजा बलदाऊ को ताम्र पत्र लगी भांग का भोग लगाया गया। भांग को प्रसाद के रूप में बांटा गया। इसके बाद हुरंगा होली शुरू हो गई। भाभियों ने देवरों के साथ जमकर होली खेली। देवरों के कपड़े फाड़कर उन पर जमकर कौड़े बरसाए गए, वहीं देवरों ने भी भाभियों पर रंग डाला। बता दें कि लठ्ठमार होली की तरह हुरंगा होली भी प्रसिद्ध है। इसे देखने भी दुनियाभर से लोग मथुरा पहुंचते हैं।