BSP सुप्रीमो मायावती आजम के समर्थन में उतरीं, योगी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

रामपुर से विधायक आजम खां करीब 28 महीने से सीतापुर की जेल में बंद हैं। उन्हें ज्यादातर मामलों में जमानत मिल चुकी है, लेकिन हर बार कोई नया केस दर्ज हो जाता है। बसपा सुप्रीमो ने आजम खान के समर्थन में आवाज उठाई है।;

Update: 2022-05-12 06:28 GMT

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) को लेकर सियासत (Politics) तेज होती जा रही है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (Pragatisheel Samajwadi Party) और कांग्रेस (Congress) समेत तमाम दलों के कई नेता अभी तक आजम खान का समर्थन कर चुके हैं। इसी कड़ी में आज बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने भी आजम खान के पक्ष में आवाज उठाई है। उन्होंने योगी सरकार पर हमला करते हुए यूपी सरकार की तुलना कांग्रेस से की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज सिलसिलेवार तीन ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार यूपी और अन्य बीजेपी शासित राज्यों में कांग्रेस की तर्ज पर गरीबों, दलितों, अदिवासियों एवं मुस्लिमों को टारगेट कर रही है और उन पर जुल्म-ज्यादती व भय आदि का शिकार बनाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है, यह अति-दुःखद है। उन्होंने कहा कि दूसरों के मामलों में इनकी कृपादृष्टि जारी है।

उन्होंने कहा कि यूपी सरकार द्वारा अपने विरोधियों पर लगातार द्वेषपूर्ण व आतंकित कार्यवाही तथा वरिष्ठ विधायक मोहम्म्द आजम खान को करीब सवा दो वर्षों से जेल में बन्द रखने का मामला काफी चर्चाओं में है, जो लोगों की नजर में न्याय का गला घोंटना नहीं तो और क्या है?

उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों में जिस प्रकार से दुर्भावना व द्वेषपूर्ण रवैया अपनाकर प्रवासियों व मेहनतकश समाज के लोगों को अतिक्रमण के नाम पर भय व आतंक का शिकार बनाकर, उनकी रोजी-रोटी छीनी जा रही है, वह अनेकों सवाल खड़े करता है, जो अति-चिन्तनीय भी है।

बता दें कि रामपुर से विधायक आजम खान करीब 28 महीने से सीतापुर की जेल में बंद हैं। उन्हें ज्यादातर मामलों में जमानत मिल चुकी है, लेकिन हर बार कोई नया केस दर्ज हो जाता है। उन पर एक केस बचा था, लेकिन इससे पहले की जमानत पर सुनवाई होती तो उनके खिलाफ एक और केस दर्ज हो गया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार से जवाब मांगा था।

सुप्रीम कोर्ट में आजम खान की जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। जस्टिस एल नागेश्वर राव, बी आर गवई और बोपन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने गंभीर सवाल उठाए। जस्टिस गवई ने पूछा कि आजम खान को जमानत मिलते ही एक और केस दर्ज होने का इत्तेफाक क्यों हो रहा है? जब भी उन्हें (आजम) किसी एक मामले में जमानत मिलती है तो दूसरा केस दर्ज होने का इत्तेफाक क्यों? इस पर स्टेट काउंसिल का कहना है कि कोई भी मामला फालतू नहीं है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। 

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