कोरोना पॉजिटिव पिता को कंधा देने से लोगों ने किया इनकार तो कार की छत पर अर्थी बांधकर श्मशान घाट पहुंचा बेटा
लोगों ने कार पर अर्थी देखकर क्लिक किये फोटो और वीडियो। सोशल मीडिया पर हुए वायरल तो सामने आई ऐसी हकीकत।;
कोरोना संक्रमण की इस महामारी के बीच हर दिन बेहद मार्मिक नजारे देखने को मिल रहे हैं। कहीं बच्चे मां बाप के शव को लेने से मना कर देते हैं तो कोई मां बाप को बचाने के लिए दर दर की ठोकर खाने को मजबूर हो रहा है। इसी तरह उत्तर प्रदेश के आगरा में गाड़ी की छत पर बंधी एक अर्थी का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, लेकिन इसकी हकीकत ऐसी है, जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
दरअसल, गाड़ी के ऊपर अर्थी बंधा फोटो आगरा के लोहामंडी की जयपुर हाउस कॉलोनी निवासी 67 वर्षीय योगेश जौहरी का है। उनके बेटे रचित जौहरी के अनुसार, उनके पिता पंजाब नेशनल बैंक में कर्मचारी थी। पिता योगेश की पिछले कई दिनों से तबीयब खराब चल रही थी। उनकी कोरोना की जांच कराने पर रिपोर्ट पाजीटिव आई। जिसके बाद अचानक उनका ऑक्सीजन लेवल कम हो गया। इस पर घर में ही बेटे ने ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था की। ऑक्सीजन लगने पर पिता की स्थिति सामान्य हो गई। उनका ऑक्सीजन लेवल 98 हो गया। मगर,आक्सीजन हटाते ही उसका लेवल कम गया। उनके पिता हार्ट पेशेंट और डायबीटिज के रोगी थे। इसलिए बेटे ने डॉक्टरों से सलाह की। इस पर उन्हें पिता को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए काहा गया। रचित ने बताया कि पिता को भर्ती कराने के लिए अस्पतालों में बेड तलाशना शुरू किया।, लेकिन उन्हें अस्पताल नहीं मिला। जिसके चलते पिता की मौत हो गई।
न मिली एंबुलेंस और न रिश्तेदारों का साथ तो उठाया ये कदम
रचित ने बताया कि जब उन्होंने पिता के शव को श्मशान घाट तक ले जाने के लिए अस्पताल वालों से एंबुलेंस की व्यवस्था करने की गुहार लगाई, लेकिन स्टाफ ने एंबुलेंस का इंतजाम करने में असमर्थता जताई। वह अकेले थे, कोई रिश्तेदार भी उनके साथ नहीं था। ऐसे में उन्होंने पिता के शव को कार की पिछली सीट पर रखा। साथ ही शव के अंतिम संस्कार के लिए सामान खरीदा और अर्थी सजाने से लेकर सारा इंतजाम अकेले ही करना पड़ा। बेटे ने बताया कि उसने अर्थी को कार की छत पर रख लिया। जिसका फोटो वायरल हो गया, लेकिन शव कार के अंदर रखा हुआ था। कार की छत पर सिर्फ अर्थी थी। उन्होंने मजबूरी में अकेले ही पिता का अंतिम संस्कार किया।