गोरखपुर में 'बाबा बुलडोजर' की जद में फंसे पीजी कॉलेज के प्रवक्ता, डीएम को पत्र लिखकर सुनाई ...

कनईचा निवासी सुधांशु शेखर राय बांसगांव स्थित जवाहरलाल नेहरू पीजी कॉलेज में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि गुरुवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय किसी काम से गए थे। इस दौरान उन्हें बुलडोजर की वजह से भारी परेशानी झेलनी पड़ी।;

Update: 2022-04-22 08:25 GMT

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भूमाफिया (Land Mafia) और अपराधियों की संपत्ति (Property of Criminals) पर चलने वाला 'बुलडोजर' ('Bulldozer') हमेशा सुर्खियों में रहता है। इस बार गोरखपुर (Gorakhpur) में बुलडोजर की ऐसी कार्रवाई सामने आई है, जिसे जानकर आपको भी हैरानी होगी। यहां नगर निगम (Gorakhpur Municipal Corporation) के बुलडोजर ने पीजी कॉलेज (PG College) के प्रवक्ता को कार में बैठे होने के बावजूद उठा लिया। इसके बाद सीधे ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) के यार्ड तक पहुंचा दिया। प्रवक्ता ने अब मामले की शिकायत डीएम गोरखपुर से की है और न्याय मांगा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कनईचा निवासी सुधांशु शेखर राय बांसगांव स्थित जवाहरलाल नेहरू पीजी कॉलेज में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि गुरुवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय किसी काम से गए थे। इस दौरान उन्होंने गोलघर के पास एक दुकान से खाने का सामान खरीदने लगे।

उन्होंने बताया कि सामान खरीदने के बाद सीट पर बैठकर खाने लगे कि तभी वहां नगर निगम का बुलडोजर आया। कर्मचारियों ने उनकी गाड़ी को बुलडोजर उठाना शुरू कर दिया। उन्होंने विरोध किया कि वे कार में मौजूद हैं, लेकिन एक नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि मुझे सीट से उतरने दो, लेकिन तब भी सुनवाई नहीं की। इसके बाद कार को ट्रैफिक पुलिस के यार्ड में पहुंचा दिया। उन्होंने कहा कि डीएम को पत्र लिखकर अपनी व्यथा बताई है और कार्रवाई की मांग की है।

दूसरा पक्ष नहीं मिला

इस मामले में दूसरा पक्ष अभी सामने नहीं आया है। हालांकि सीएम योगी आदित्यनाथ भी साफ कर चुके हैं कि बुलडोजर की कार्रवाई किसी भी व्यक्ति पर ऐसी नहीं होनी चाहिए, जो कि निर्दोष हो। बता दें कि अगर प्रवक्ता पर नो पार्किंग जोन में कार खड़ी करने का आरोप है तो उन्हें कम से कम कार से उतारना चाहिए था। अगर नीचे नहीं उतरता तो आला अधिकारियों से भी शिकायत की जा सकती थी। 

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